आगरा। मस्जिद नहरवाली सिकंदरा के ख़तीब मोहम्मद इक़बाल ने आज जुमा की नमाज़ के ख़ुत्बे में कहा कि क़यामत का आना निश्चित है और उसकी सबसे बड़ी निशानी पहले ही पूरी हो चुकी है।
उन्होंने कहा: “सब जानते हैं कि क़यामत आनी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क़यामत की सबसे बड़ी निशानी, जो कि हज़रत मोहम्मद ﷺ का इस दुनिया में आना है, वह पूरी हो चुकी है। अब क़यामत अपने निश्चित समय पर आने के लिए तैयार है।”
मुहम्मद इक़बाल ने कुरआन और हदीस का हवाला देते हुए कहा कि कुरआन की सूरा अल-अंबिया की आयत नंबर 1 में अल्लाह का फ़रमान है: “लोगों का हिसाब-किताब का समय क़रीब आ गया है, लेकिन वे ग़फ़लत में मुँह मोड़े हुए हैं।”
इसी तरह सहीह मुस्लिम की हदीस नंबर 7408 में पैग़म्बर PBUH ने फ़रमाया: “मुझे और क़यामत को इस तरह भेजा गया है” और अपनी शहादत और बीच वाली उंगली को मिलाकर दोनों की निकटता बताई।
उन्होंने कहा कि रोज़ हम अपने प्रियजनों को कब्रिस्तान में दफ़न करते हैं, लेकिन अपनी बारी पर विचार नहीं करते। हक़ीक़त यह है कि अब जिब्रईल अलैहिस्सलाम वह़ी लेकर नहीं आएँगे। कुरआन मुकम्मल हो चुका है और रसूलुल्लाह (PBUH) उम्मत को दीन देकर इस दुनिया से रुख़्सत हो गए।
मुहम्मद इक़बाल ने कहा कि हर इंसान को नेकियों में लगना चाहिए, क्योंकि किसी को नहीं पता कि उसके पास कितना समय बाक़ी है।
अंत में उन्होंने दुआ की:
“अल्लाह तआला हमें नेकियों की तौफ़ीक़ दे और हमेशा आख़िरत की तैयारी करने वाला बनाए। आमीन या रब्बुल आलमीन।”
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