आगरा: पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी ने आगरा में यमुना नदी को रौद्र रूप दे दिया है। यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे शहर में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यमुना के किनारे बसे पोइया घाट और ताजगंज का मोक्षधाम पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं।
शुक्रवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 2.7 फीट ऊपर बह रहा था और दोपहर से यह और उफान पर आएगी। हालात इतने गंभीर हैं कि यमुना का पानी अब ताजमहल की दीवारों तक पहुंच गया है। मेहताब बाग और आगरा किले की खाई में भी पानी भर गया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि रविवार तक यमुना का जलस्तर 499 से 500 फीट तक पहुंच सकता है। इस स्थिति ने यमुना के तटवर्ती गांवों में दहशत फैला दी है। आगरा के डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि प्रशासन यमुना के जलस्तर पर कड़ी नजर रख रहा है और हालात को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
गांवों में मची अफरातफरीयमुना के बढ़ते जलस्तर ने आगरा के सदर तहसील, एत्मादपुर, फतेहाबाद और बाह तहसील के 40 से ज्यादा गांवों को बाढ़ की चपेट में ला दिया है। लोग डर के मारे अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं। सदर तहसील के मेहरा नहारगंज गांव से 40 परिवारों को विस्थापित किया गया है। इसके अलावा मनोहरपुर, खासपुर, जगनपुर, तनौरा, नूरपुर, विसारना, मोतीमहल, महल बादशाही, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती और टेढ़ी बगिया जैसे निचले इलाकों के लोग भी अपने घर बार छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं। रहनकला, बुढ़ाना, नगला कटा, शाहिदपुर, वीरपुरा, पारौली, बिचौला, गिदरौन, भरापुरा, नगला धीमर, नगला पैमा, नगला तल्फी और नाहरगंज जैसे 18 गांवों के लोग भी बाढ़ के खतरे से जूझ रहे हैं।
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