चक्रवाती तूफान मोन्था ने पूरे देश के मौसम को हिला कर रख दिया है। पिछले कुछ दिनों से देश के कई इलाकों में बारिश का दौर चल रहा है। आज, शुक्रवार (31 अक्टूबर) को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की बारिश, बर्फबारी और ठंड बढ़ने का अलर्ट जारी हो गया है।
अगले दो दिनों तक उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी बारिश होने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में भारी बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की भविष्यवाणी की है।
दिल्ली एनसीआर में ठंड बढ़ीदिल्ली एनसीआर में अब ठंड का असर साफ दिखने लगा है। लोग सड़कों पर स्वेटर और जैकेट पहने घूमते नजर आ रहे हैं, क्योंकि पहले सिर्फ रात में ठंड लगती थी। अब दिन में ठंडी हवाएं चलने से हर कोई ठिठुर रहा है। पिछले 24 घंटों से दिल्ली एनसीआर में धूप गायब है। अकेले दिल्ली में तो दो दिनों से सूरज नहीं निकला। 1 नवंबर से 5 नवंबर तक दिल्ली एनसीआर में ठंड और बढ़ने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश में बारिश जारी हैउत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से बारिश का सिलसिला थम नहीं रहा। गुरुवार को लखनऊ और आसपास के कई जिलों में अच्छी बारिश हुई। झांसी में अधिकतम तापमान में भारी गिरावट आई, जो सामान्य से 10.7 डिग्री कम होकर 22 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। आज, शुक्रवार को कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आज बारिश हो सकती है, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर गरज के साथ बारिश की संभावना है। कुछ इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है। मौसम विभाग ने गाजीपुर, मऊ, बलिया, देवरिया और आसपास के इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया और देवरिया में गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने का खतरा है। गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, अंबेडकर नगर और आसपास के इलाकों में भी गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की आशंका है। गुरुवार को राज्य में कई जगहों पर बारिश दर्ज की गई। झांसी में 47.8 मिमी, उरई में 40 मिमी, हमीरपुर में 24 मिमी, फुरसतगंज में 21.9 मिमी, लखनऊ में 22.9 मिमी और बाराबंकी में 17 मिमी बारिश हुई।
बिहार में चक्रवात मोंठ का असरचक्रवात मोंठ का असर बिहार के गंगा तटीय जिलों में साफ महसूस हो रहा है। बुधवार और गुरुवार को रुक-रुक कर हल्की बारिश हुई, जिसने मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया। गुरुवार को बूंदाबांदी के बीच पिछले तीन दिनों में अधिकतम तापमान में 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। दिन में हल्की ठंड का एहसास हो रहा है। मौसम विशेषज्ञों और कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर चक्रवात मोंठ का असर जल्द कम हो जाता है, तो रबी सीजन पर ज्यादा नुकसान नहीं होगा। नवंबर के पहले हफ्ते में तापमान गिरावट गेहूं और सरसों की बुवाई के लिए फायदेमंद मानी जा रही है।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर चक्रवात की वजह से बारिश की तीव्रता बढ़ी, तो धान की फसल को नुकसान हो सकता है। खेतों में पानी भरने से कटी या खड़ी फसलें झुक सकती हैं, जिससे अनाज का रंग काला पड़ने और तोड़ने में दिक्कत आने का खतरा बढ़ जाएगा।
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