सोशल मीडिया के इस दौर में एक छोटी सी खबर भी आग की तरह फैल सकती है। इन दिनों एक ऐसी ही भ्रामक खबर ने लोगों के बीच हलचल मचा दी है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को सितंबर 2025 तक एटीएम से 500 रुपये के नोटों का वितरण बंद करने का निर्देश दिया है। इस खबर ने न केवल लोगों में भ्रम पैदा किया, बल्कि कई सवाल भी खड़े कर दिए। लेकिन क्या यह दावा सच है? आइए, इस अफवाह की सच्चाई को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि आपको क्यों सावधान रहने की जरूरत है।
वायरल दावे का सचसोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे इस मैसेज में कहा गया है कि आरबीआई ने एक गोपनीय सर्कुलर जारी किया है, जिसमें बैंकों को सितंबर 2025 तक 500 रुपये के नोटों को एटीएम से हटाने का आदेश दिया गया है। दावे के मुताबिक, यह कदम चरणबद्ध तरीके से लागू होगा ताकि लोगों को पहले से इसकी जानकारी मिल सके। लेकिन सच्चाई यह है कि इस तरह का कोई सर्कुलर आरबीआई ने जारी नहीं किया है। न तो आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर और न ही इसके सोशल मीडिया हैंडल्स पर इस तरह की कोई सूचना मौजूद है। यह खबर पूरी तरह से बेबुनियाद और फर्जी साबित हुई है।
फैक्ट चेक ने खोली पोलप्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेक यूनिट ने इस दावे की गहन जांच की और इसे स्पष्ट रूप से झूठा करार दिया। पीआईबी ने अपने बयान में कहा कि आरबीआई ने 500 रुपये के नोटों को लेकर कोई नया निर्देश जारी नहीं किया है। इसके अलावा, आरबीआई के किसी भी आधिकारिक मंच पर इस तरह की कोई योजना या सर्कुलर का उल्लेख नहीं है। यह अफवाह महज लोगों को भ्रमित करने और अनावश्यक डर फैलाने का एक प्रयास है।
500 रुपये के नोट की वैधताभारतीय रिजर्व बैंक ने बार-बार स्पष्ट किया है कि 500 रुपये के नोट पूरी तरह से वैध कानूनी मुद्रा हैं। ये नोट बाजार में लेन-देन के लिए पूरी तरह मान्य हैं और एटीएम व बैंक काउंटरों से इनका वितरण पहले की तरह जारी है। भविष्य में भी इन नोटों के उपयोग में कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है। आरबीआई ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लें।
अफवाहों से कैसे बचें?सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक खबरें न केवल लोगों में डर पैदा करती हैं, बल्कि समाज में अस्थिरता भी ला सकती हैं। इसलिए, किसी भी वित्तीय या बैंकिंग जानकारी को स्वीकार करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करना बेहद जरूरी है। अगर आपको कोई संदिग्ध मैसेज मिलता है, तो उसे तुरंत शेयर करने के बजाय पहले आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट (www.rbi.org.in) या पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट के सोशल मीडिया हैंडल्स पर उसकी पुष्टि करें। सावधानी और जागरूकता ही ऐसी अफवाहों से बचने का सबसे बेहतर तरीका है।
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