मुंबई,16 अक्टूबर ( हि.स.) . दिवाली का त्योहार खुशी, रोशनी और एकजुटता का प्रतीक है. हालाँकि, इस त्योहारी मौसम में स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही ज़रूरी है. दिवाली के उत्साह में, पटाखों से चोट लगने, जलने, सांस लेने में तकलीफ, अपच और दुर्घटनाओं की घटनाएँ बढ़ती देखी जा रही हैं. इसलिए, ज़िला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार ने अपील की है, त्योहार मनाएँ, लेकिन अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें.
दिवाली का असली आनंद तन, मन और समाज, तीनों के स्वास्थ्य को बनाए रखना है. पटाखे खुशी तो लाते हैं, लेकिन अक्सर दुर्घटनाएँ, जलन या आँखों में चोट का कारण बनते हैं. छोटे बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखना चाहिए. ज़्यादा मिठाई खाने से बचें, क्योंकि त्योहार के उत्साह से पेट दर्द या मधुमेह नहीं बढ़ना चाहिए.
ठाणे सिविल अस्पताल प्रशासन ने दिवाली के दौरान नागरिकों को कुछ ज़रूरी निर्देश दिए हैं. पटाखे जलाते समय सुरक्षित दूरी बनाए रखें, आँखों में कुछ चला जाए तो घरेलू उपचार का सहारा लिए बिना तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, छोटे बच्चों और अस्थमा के रोगियों को धुएँ और प्रदूषण से दूर रखें, साथ ही संतुलित आहार लें और पर्याप्त नींद लें. हर नागरिक को त्योहार मनाते समय अपनी और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए. दिवाली का असली प्रकाश स्वास्थ्य का प्रकाश है. इसलिए आइए, हम प्रदूषण-मुक्त, दुर्घटना-मुक्त और स्वस्थ दिवाली मनाएँ.
ठाणे जिला सिविल अस्पताल के शल्य चिकित्सक डॉ पवार ने बताया है कि ठाणे सिविल अस्पताल प्रशासन ने आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली हैं और नागरिकों से किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अस्पताल से संपर्क करने की अपील की है. ठाणे सिविल अस्पताल के माध्यम से हर नागरिक तक सुरक्षित, सतर्क और शांतिपूर्ण दिवाली का स्वागत करने का संदेश पहुँचाया जा रहा है.
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
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