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पश्चिम बंगाल में दो अगस्त से शुरू होगा 'हमारा पड़ोस, हमारा समाधान' अभियान, नवान्न ने जारी की गाइडलाइन

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कोलकाता, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनसंपर्क एवं जन सेवा के लिए एक विशेष योजना शुरू की है जिसका नाम ‘हमारा पड़ोस, हमारा समाधान’ है। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आम लोगों की समस्याओं को सीधे सुनकर त्वरित समाधान देना है।

राज्य सचिवालय नवान्न की ओर से इस कार्यक्रम के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया गया है, जिसमें कार्यक्रम से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया गया है। इस कार्यक्रम का आयोजन दो अगस्त से तीन नवंबर तक किया जाएगा, लेकिन पूजा और अन्य सरकारी छुट्टियों के दिन इसमें शामिल नहीं किया गया है।

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक ब्लॉक, गांव और शहरी इलाकों में विशेष शिविर लगाकर स्थानीय समस्याओं को दर्ज किया जाए और उसी के अनुरूप समाधान सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक विभिन्न कमेटियों और टास्क फोर्स का गठन किया गया है। मुख्य सचिव मनोज पंथ की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय एपेक्स कमिटी बनाई गई है, जिसमें सभी विभागों के सचिव और कोलकाता नगर निगम के कमिश्नर शामिल हैं। इसके अलावा, 13 आईएएस और बीसीएस अधिकारियों की राज्य स्तरीय टास्क फोर्स और जिलाधिकारियों की अगुवाई में जिला स्तरीय टास्क फोर्स भी गठित की गई है।

इस अभियान में प्रत्येक तीन बूथ पर एक केंद्र स्थापित किया जाएगा, जहां लोग अपनी समस्याएं दर्ज करा सकेंगे। सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन माध्यम से पारदर्शिता के साथ संचालित की जाएंगी। चूंकि राज्य में 80 हजार से अधिक बूथ हैं, इसलिए कुल 27 हजार शिविर आयोजित करने की योजना बनाई गई है। इन शिविरों में 15 नवंबर तक शिकायतों को सुनकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और 15 जनवरी 2026 तक सभी कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

एसओपी के अनुसार, इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 15 प्रकार के कार्यों की स्वीकृति दी गई है। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं, नाले का निर्माण या मरम्मत, ट्यूबवेल लगाना और पाइपलाइन से जलापूर्ति, पानी की टंकी लगाना, सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगाना, सामुदायिक शौचालय निर्माण, आंगनवाड़ी केंद्रों की छत की मरम्मत, खेल के मैदानों का निर्माण, बाउंड्री वॉल बनाना, प्राथमिक स्कूलों की रंगाई, सार्वजनिक शौचालयों की मरम्मत, तालाबों का नवीनीकरण, ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था, सामुदायिक शेड बनाना और बाजारों और बस स्टॉप पर छत और रोशनी की सुविधा देना।

यह कार्यक्रम रोजमर्रा के जीवन में प्रयुक्त होने वाले संसाधनों पर की जाएगी लेकिन इस कार्यक्रम के तहत किसी प्रकार का बड़ा निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा, जैसे कि नया स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र या सरकारी दफ्तर का निर्माण, जमीन की खरीद या किराया लेना भी इस योजना के अंतर्गत वर्जित है।

प्रत्येक बूथ स्तर पर एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसका नेतृत्व उस क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को सौंपा जाएगा। कोलकाता नगर निगम के अनुसार, हर बूथ कमेटी का एक विशिष्ट व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा, जिससे नोडल ऑफिसर सीधे संपर्क में रहेंगे और शिकायतों की निगरानी कर सकेंगे।

(Udaipur Kiran) / अनिता राय

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