भोपाल, 4 जुलाई (Udaipur Kiran) । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल और पब्लिक मीडिया टेक फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं के लिए विश्वविद्यालय परिसर में सोशल मीडिया में दक्षता एवं प्रबन्धन कौशल विकास विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को आरंभ हुई।
कार्यक्रम में विशिष्ट विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बी. के. कुठियाला ने कहा कि प्रकृति मनुष्य से लगातार सवांद बनाती है। सृष्टि की रचना संवाद से ही हुई है। तकनीकें वास्तव में मानव का ही विस्तार हैं। इंटरनेट एकात्म भाव से दुनिया को एक सूत्र में बांधने वाला माध्यम है। सोशल मीडिया अनेक माध्यमों के विस्तार के साथ विविध तकनीकों के सम्मेलन से निर्मित है। यह पारस्परिक संबद्धता एवं निर्भरता को आभासी वास्तविकता देता है और इस तरह यह सोशल मीडिया बनता है। सोशल मीडिया समाज को प्रभावित करने की शक्ति रखता है। इसमें कंटेट बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी मनोज श्रीवास्तव जी ने कहा कि मौजूदा समय एल्गोरिद्म पावर का है। सोशल मीडिया आज हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। यह हमारे अभिमतों को प्रसारित करने की शक्ति बन चुका है। श्रीवास्तव ने कहा कि आज डेटा उपनिवेशवाद तैयार हुआ हे। हमें इसके लिए तैयार होना होगा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के डायनामिक्स को समझना होगा।
इस सत्र में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी ने पब्लिक मीडिया टेक फाउंडेशन को इस तरह के महत्वपूर्ण विषय पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि सोशल मीडया बहुत बड़े पैमाने पर सकारात्मक बदलाव ला सकता है। राजधानी भोपाल के पास ही स्थित उदयपुर कस्बे के गौरवशाली इतिहास और वहां की पुरातात्विक महत्व के स्थापत्य के संरक्षण में सोशल मीडिया की भूमिका से जुड़ा एक प्रसंग साझा किया।
उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने वहां भ्रमण करने के बाद मंथली हेरिटेज वॉक की शुरूआत की जिसमें कई जानी मानी हस्तियों ने वहां जाकर उदयपुर की ऐतिहासिक विरासत को देखा। वहां उन धरोहरों पर कई अवैध अतिक्रमण थे। राजा उदयादित्य के महल पर भी निजी संपत्ति का बोर्ड चस्पा था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उन्होंने इस संबंध में पोस्ट डालीं। बाद में मीडिया में भी इस विषय पर चर्चा हुई। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने उदयपुर की उन ऐतिहासिक धरोहरों को मुक्त करवाकर पुरातत्व विभाग को सौंपी और वहां के लोगों में भी हेरिटेज को लेकर जागृति का माहौल निर्मित हुआ।
कुलगुरू तिवारी ने कहा कि तथ्यों के साथ मुद्दों की बात की जाए तो सोशल मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम बन जाता है। इन प्लेटफॉर्म्स पर आसपास की चीजों पर फोकस कर बेहतर लिखने से आम उपयोगकर्ता तक बात पहुंचती है और सही परिणाम मिल जाते हैं।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में कार्यशाला के संयोजक लोकेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया का संसार विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने देश और दुनियाभर में सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं और वस्तुस्थि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्वभर में दिनों दिन सोशल मीडिया का उपयोग बढ़ रहा है। ऐसे में हमारे युवा कंटेंट क्रिएटर्स के लिए इसमें बेहतर अवसर मौजूद हैं।
कार्यशाला में एक विशेष सत्र सोशल मीडिया संबंधित कानूनों पर बात और कुछ केस स्टडीज पर चर्चा भी हुई। इस सत्र के विशेषज्ञ के बतौर प्रोफेसर विश्वास चौहान ने कहा कि सोशल मीडिया आज विचारों या ओपिनियन के प्रसार का एक प्रमुख माध्यम बन गया है। उन्होंने प्राचीन संदर्भों से नारद मुनि तथा दक्ष प्रजापति संवाद, श्री कृष्ण एवं नारद मुनि संवाद जैसे अनेक प्रसंगों के जरिये पत्रकारिता, सूचनाओं के प्रवाह तथा संवाद के माध्यमों के प्रभाव पर चर्चा करते हुए विधिक तथा नैतिक पक्षों पर अपनी बात रखी।
इस अवसर पर प्रो. चौहान ने विविध संचार माध्यमों के विकास एवं वाचिक साहित्य पर भी अपने विचार प्रकट किए। इस सत्र का संचालन विश्वविद्यालय के डॉ. मनोज धुर्वे ने किया। इस कार्यशाला के दौरान इसमें सभी प्रतिभागियों द्वारा कैसे क्रिएटिव कंटेंट तैयार करें इस विषय पर केंद्रित विविध वीडियो सृजित भी किये।
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
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