हरिद्वार, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) ।राष्ट्रीय गोकुल मिशन का बजट बढ़ाए जाने का स्वागत करते हुए हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे गोवंश के लिए वरदान बताया है।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लोकसभा के मानसून सत्र में गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के संबंध में पूछे गए उनके प्रश्न के लिखित उत्तर में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने स्पष्ट किया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कानून बनाने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 246 (3) के अनुसार राज्य विधानमंडलों के पास है, न कि केंद्र सरकार के पास हालांकि, केंद्र सरकार गायों के संवर्धन, संरक्षण और पालन को बढ़ावा देने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है।
दिसंबर 2014 से राष्ट्रीय गोकुल मिशन लागू है। जिसका उद्देश्य देशी नस्ल की गायों का विकास और संरक्षण करना है। इस योजना को जुलाई 2021 में संशोधित और पुनर्लिखित किया गया और राज्यों की उच्च मांग एवं योजना की सफलता को देखते हुए, मार्च 2025 में सरकार ने 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया। जिससे 2021-22 से 2025-26 तक के लिए योजना का कुल परिव्यय 3400 करोड़ रुपये हो गया है। देशी नस्ल के गोवंश का संरक्षण और संवर्धन राष्ट्रीय प्राथमिकता है और इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय में निरंतर प्रयास जारी रहेंगे।
बजट बढ़ाए जाने पर प्रधानमंत्री व पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हुए सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गाय हमारे कृषि, संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन में बजट वृद्धि यह दर्शाती है कि सरकार देशी नस्लों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के बजट में वृद्धि गौवंशो के लिए वरदान है।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
You may also like
महिला का बैग एयरपोर्ट पर चेक किया तो उड़े अधिकारियों के होश, चोरी से लेकर जा रही थी130 जहरीले मेंढक
भारी वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए रेट्रोफिटिंग डिवाइस लगाने के पायलट प्रोजेक्ट का आकलन शुरू
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पर अधिकार प्राप्त समिति की 67वीं बैठक के लिए प्रेस विज्ञप्ति
रणबीर स्कूल जम्मू में तिरंगा रैली का आयोजन, विधायक युधवीर सेठी ने दिखाई हरी झंडी
केंद्रीय विद्यालय उड़ी में तिरंगा रैली का आयोजन, छात्रों, एन.एच.पी.सी. के कार्मिकों एवं सी.आई.एस.एफ. के जवानों ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया