जयपुर, 25 जून (Udaipur Kiran) । जयपुर-अजमेर हाईवे पर बुधवार को जयपुर ग्रामीण जिले के मोखमपुरा के पास केमिकल से भरा टैंकर अनियंत्रित होकर पलट गया। टैंकर के पलटते ही टैंकर में भीषण आग लग गई। हादसे में वाहन चालक राजेंद्र यादव टैंकर की केबिन में फंसने से जिंदा जल गया।
थानाधिकारी संजय मीणा ने बताया कि बुधवार सुबह थाना इलाके के एनएच 48 पर मोखमपुरा में मेथेनॉल से भरा टैंकर पलटते ही उसमें आग लग जाने की सूचना मिली थी। मौके पर पुलिस पहुंची और उच्च अधिकारियों और दमकल को सूचना दी, लेकिन दमकल आने से पहले ही वाहन आग के गोले में तब्दील हो गया। टैंकर में लगी आग और धुंआ करीब 300 मीटर दूर से ही नजर आ रहा था। इस कारण हाईवे पर चल रहीं दूसरी गाड़ियों के ड्राइवर भी डर गए।
दूदू, बगरू सहित जयपुर से एक दर्जन से ज्यादा दमकल पहुंची और आग पर काबू पाया गया। हादसे के बाद हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई, लेकिन पुलिस प्रशासन ने वाहनों को घटनास्थल के पास नहीं जाने दिया। काफी समय बाद पुलिस ने महला, जोबनेर, दूदू, मोखमपुरा स्टेट हाईवे से वाहनों को डाइवर्ट निकालने का प्रयास किया। हादसे की सूचना मिलते ही एसडीएम बलवीर सिंह, तहसीलदार राघवेंद्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक दीपक खंडेलवाल, सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया।
टैंकर में भरा मेथेनॉल हाईवे पर बिखर गया। आग फैलने के डर से टैंकर के करीब चल रहीं गाड़ियां हाईवे पर ही रुक गईं। कई ड्राइवर मौके से गाड़ी छोड़कर भाग गए। हादसे के करीब आधा घंटे बाद तक हाईवे पर जाम लगा रहा।
बुधवार सुबह जैसे ही हादसा हुआ,लोग अपने वाहनों को छोड़ कर खेतों की तरफ भागे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वह जयपुर की तरफ जा रहा था। इसी दौरान ट्रक पलटा और आग का गोला बन गया। सभी लोग डर गए और कार से उतरकर पीछे की तरफ भागे। अन्य गाड़ी वालों ने भी कार रोकी और खुले की तरफ भागने लगे। गनीमत रही कि किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।
जानकारी के अनुसार हाईवे पर टैंकर पलटने के बाद आग लगते ही स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दमकल वाहन और उच्च अधिकारियों को हादसे की सूचना दी। लेकिन 45 मिनट बाद पहली दमकल पहुंची, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और वाहन चालक की जलकर मौत हो चुकी थी। ऐसे में समय रहते अगर दमकल पहुंचती तो शायद वाहन चालक की जान बच सकती थी। मुख्यमंत्री कार्यालय पर हादसे की सूचना के बाद जयपुर से एक दर्जन दमकल पहुंची, जहां आग पर काबू पाया गया।
भांकरोटा हादसे में हुई थी 20 लोगों की मौत
गौरतलब है कि दिसंबर-2024 में इसी हाइवे पर हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट में 20 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 35 से ज्यादा लोग बुरी तरह झुलस गए थे। बुधवार को जहां केमिकल टैंकर पलटा उस जगह की दूरी भांकरोटा से करीब 30 किलोमीटर है। स्थानीय लोगों का कहना है पिछले साल हुए हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं सीखा है। केमिकल या गैस से भरे टैंकर की सुरक्षा को लेकर कोई सख्ती नहीं हुई है।
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(Udaipur Kiran)
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