कोलकाता, 28 जून (Udaipur Kiran) । कोलकाता के कसबा स्थित लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। इस सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों के संबंध तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) से पाए गए हैं। पुलिस सूत्रों और छात्रों ने इसकी पुष्टि की है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपित मनोजित मिश्रा (30) लॉ कॉलेज का पूर्व छात्र है, जिसे हाल ही में कॉलेज प्रबंधन ने अस्थायी स्टाफ के तौर पर नियुक्त किया था। बाकी दो आरोपित प्रमित मुखोपाध्याय (20) और जैब अहमद (19) वर्तमान छात्र हैं और टीएमसीपी की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।
इस घटना को लेकर राजनीतिक घमासान तब और तेज हो गया जब मनोजित मिश्रा की तस्वीरें तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इन तस्वीरों में वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी, राज्य की स्वतंत्र प्रभार वित्त राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और कोलकाता नगर निगम की पार्षद कजरी बनर्जी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भाभी) के साथ नजर आ रहा है। इसके अलावा पार्टी के कई अन्य विधायकों के साथ भी उसकी तस्वीरें हैं।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, यह चौंकाने वाला है कि कसबा में कॉलेज छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपित के सीधे संबंध तृणमूल कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेताओं से हैं। वारदात के समय कॉलेज के गेट बंद करवा दिए गए थे। यह केवल अपराध नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर की गई साजिश और संरक्षण का मामला है। टीएमसी दुष्कर्मियों की पार्टी बन चुकी है।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी अभिषेक बनर्जी के साथ मनोजित की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, अपराध का साम्राज्य यूं ही खड़ा नहीं होता, यह वर्षों की संगति और संरक्षण से फलता-फूलता है।
वहीं, टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केवल तस्वीरों के आधार पर किसी संबंध को साबित नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लागते हुए कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां भाजपा नेताओं की तस्वीरें भी बाद में ऐसे मामलों में फंसे नेताओं के साथ सामने आई थीं। सार्वजनिक हस्तियों के साथ ऐसे फोटो खिंचवाना सामान्य बात है। अगर टीएमसी को सफाई देनी है, तो भाजपा को भी देना होगा।
घटना 25 जून की शाम करीब सात बजे की है, जब छात्रा को तृणमूल छात्र परिषद में निष्ठा साबित करने के नाम पर कॉलेज के कॉमन रूम में बुलाया गया। जब छात्रा ने वहां से निकलने की कोशिश की, तो उसे जबरन कॉलेज परिसर के एक गार्ड रूम में घसीटकर ले जाया गया। गार्ड को वहां से भगा दिया गया, लड़की गार्ड से मदद मांगती रही लेकिन वह भाग निकला और सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि कॉलेज के सुरक्षा कर्मियों ने इस अपराध में आरोपितों की सहायता की।
कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नैना चटर्जी ने बताया कि यह कॉलेज डे-शिफ्ट में चलता है और कक्षाएं शाम पांच बजे तक समाप्त हो जाती हैं। ऐसे में कॉलेज बंद होने के बाद आरोपित वहां कैसे पहुंचे और पीड़िता को कैसे बुलाया गया, इस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
सार्वजनिक अभियोजक सौरिन घोषाल ने बताया कि तीनों आरोपितों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और डिजिटल साक्ष्यों की जांच जारी है।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसीपी के प्रदेश अध्यक्ष त्रिणाकुर भट्टाचार्य ने कहा, यदि आरोप सही साबित होते हैं तो दोषियों को पार्टी से संबंधों की परवाह किए बिना सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
इस बीच कोलकाता पुलिस के जादवपुर डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय ने शुक्रवार शाम एक आधिकारिक बयान जारी कर सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के भ्रामक जानकारी साझा करने से बचने की अपील की है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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