शिमला, 29 जून (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला में भारी बारिश के चलते जलापूर्ति पर असर पड़ा है। सभी जलशोधन संयंत्रों में अत्यधिक गाद (सिल्ट) आने के कारण अगले कुछ दिनों तक शहर में पानी की आपूर्ति बाधित रहेगी। शिमला जल प्रबंधन निगम (एसजेपीएनएल) ने लोगों से अपील की है कि वे पानी का इस्तेमाल बेहद सोच-समझकर करें क्योंकि हालात सामान्य होने में समय लग सकता है।
भारी बारिश से बढ़ी गाद के कारण न सिर्फ जल आपूर्ति में व्यवधान आया है बल्कि पानी की गुणवत्ता को लेकर भी चिंता जताई गई है। निगम के मुताबिक जब तक गाद कम नहीं होती, तब तक दिक्कत बनी रहेगी और इसका सीधा असर आम जनता की दैनिक जरूरतों पर पड़ेगा।
इधर भारी बारिश से शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। खलीनी के मिस्ट चैंबर क्षेत्र में एक निर्माण स्थल के पास हुए भूस्खलन से दो मकानों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं पंथाघाटी-जुंगा मार्ग पर बेल्स इंस्टीट्यूट के पास पेड़ गिरने से सड़क अवरुद्ध हो गई। चमयाना स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को जाने वाली सड़क पर मलबा जमा होने से मरीजों और तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। भराड़ी इलाके में भी पेड़ गिरने से गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं।
मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों में शिमला में 91 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो इस मानसून सीजन की पहली सबसे भारी वर्षा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए शिमला सहित अन्य जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट जारी किया है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर बाकी दस जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से यात्रा से बचने की अपील की है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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