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'एआई भारत @ एमपी' कार्यशाला में हुआ डिजिटल गवर्नेंस, आधार-अनुप्रयोग और तकनीकी नवाचारों पर मंथन

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भोपाल, 09 मई . भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय “एआई भारत @ एमपी” कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ. कार्यशाला में डिजिटल गवर्नेंस को अधिक प्रभावी, समावेशी और नागरिकोन्मुखी बनाने के लिये ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (एआई) और ‘आधार’ (यूआईएडीआई) के प्रयोग की संभावनाओं पर विचार मंथन किया गया. दो दिनों में नीति-निर्माताओं, तकनीकी विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और सरकारी प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में भागीदारी करते हुए नॉलेज शेयर और विचार-विमर्श किया.

कार्यशाला का आयोजन मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPSEDC) और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने संयुक्त रूप से किया. शुक्रवार को कार्यशाला का दूसरा दिन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग और समन्वय को बेहतर बनाने पर केन्द्रित रहा. साथ ही डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत तकनीक आधारित प्रशासन के लिए रोडमैप पर भी विचार मंथन किया गया.

मध्य प्रदेश बना डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में शीर्ष राज्य

कार्यशाला के दूसरे दिन समापन सत्र में एमपीएसआईडीसी के परियोजना निदेशक गुरु प्रसाद ने बताया कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां एसडी-डब्ल्यूएएन एनेबल्ड एसडब्ल्यूएएन नेटवर्क स्थापित है. यह नेटवर्क दो जीबीपीएस (Gbps) की स्पीड से संचालित हो रहा है. मध्य प्रदेश के पास एक पेटाबाइट की क्षमता वाला स्वयं का डाटा सेंटर भी है. उन्होंने बताया कि ‘संपदा 2.0’ और एंड-टू-एंड सेवा ऑटोमेशन जैसे नवाचारों से मध्य प्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ है. प्रदेश में एवीजीसी, ड्रोन, जीसीसी और सेमी-कंडक्टर जैसे उभरते क्षेत्रों में पॉलिसीज बनाकर उनकी गाइडलाइन्स भी जारी कर दी गई हैं.

साझा सीख और सहयोग पर बल

NeGD के निदेशक जेएल गुप्ता ने बताया कि, इस कार्यशाला का उद्देश्य सरकारी योजनाओं को नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाना था. राज्यों के अनुभव और मॉडल आरएफपी के आदान-प्रदान से हम डिजिटल परियोजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि सभी डिजिटल इंडिया इनिशियेटिव्स के लिए एकीकृत हेल्पलाइन शुरू करने की दिशा में कार्य हो रहा है. इसके लिए राज्य स्तर पर आने वाली रोजमर्रा की समस्याओं के समाधान परक प्रतिदिन वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग परक विचार-विमर्श किया जा रहा है.

डिजिलॉकर और UMANG से नागरिकों को मिला सुरक्षित पेपरलेस स्टोरेज वॉलेट

NeGD के वरिष्ठ प्रबंधक प्रसून कुमार ने डिजिलॉकर का महत्व बताते हुए कहा कि यह दस्तावेज़ स्टोर करने की तकनीक के साथ ही नागरिकों के लिए पेपरलेस और सुरक्षित डिजिटल वॉलेट भी है. इसमें आधार, पैन, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और मार्कशीट जैसे दस्तावेज़ सहेज कर सुरक्षित रखे जा सकते हैं. उन्होंने ‘एंटिटी लॉकर’ की भी जानकारी दी और बताया कि यहां एमएसएमई, ट्रस्ट और संस्थान अपने दस्तावेज़ सुरक्षित रूप से प्रबंधित रख सकते हैं.

NeGD के उप महाप्रबंधक अजीत कुमार ने कहा, UMANG ऐप से सुशासन और सुगम हो रहा है. इससे नागरिकों को एक ही मंच पर आधार, पैन और राज्य एवं केंद्र सरकार की कई अन्य सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं. उन्होंने कहा कि बहुभाषीय इंटरफेस और 24×7 उपलब्धता के गुणों से UMANG मोबाइल-फर्स्ट गवर्नेंस का भविष्य सिद्ध हो रहा है.

प्रौद्योगिकी सत्र और स्टार्टअप नवाचार

कार्यशाला के अंतिम दिन तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम 2023, साइबर सुरक्षा, ई-संजीवनी के माध्यम से डिजिटल स्वास्थ्य और DIKSHA प्लेटफॉर्म से स्कूली शिक्षा जैसे विषयों पर प्रेजेंटेशन हुए. MeitY स्टार्ट-अप हब के सीईओ पन्नीरसेल्वम मदनगोपाल ने कहा कि हम नवाचार को केवल विचार नहीं, बल्कि परिवर्तन मानते हैं. नीति, निवेश और वैश्विक एक्सपोजर के माध्यम से हम स्टार्ट-अप्स को ग्लोबल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

कार्यशाला में डिजिटल इंडिया को जमीनी स्तर तक सफल बनाने के लिए नियमित परामर्श, कैपेसिटी-बिल्डिंग और पॉलिसी को-ऑर्डिनेशन को अत्यंत आवश्यक गया. प्रतिभागियों ने परस्पर सहयोग, अंतर-विभागीय संवाद और समावेशी एवं नवाचार आधारित सुशासन की दिशा में संयुक्त रूप से कार्य करने पर सहमित व्यक्त की.

तोमर

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