ऋषिकेश, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन में वैश्विक परमार्थ परिवार ने महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती और स्वामी चिदानन्द सरस्वती का पूजन-अर्चन कर गुरु परंपरा को नमन किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वर्ष भर में बारह पूर्णिमाएं आती हैं, परंतु गुरूपूर्णिमा का विशेष स्थान प्राप्त है। यह चंद्रमा की पूर्णता और मानव चेतना की पूर्णता का पर्व है। यह पूर्णिमा केवल खगोलीय घटना नहीं, बल्कि आत्मिक जागरण और गुरु-शक्ति के सम्मान का पर्व है। गुरूपूर्णिमा अर्थात् आध्यात्मिक ज्ञान, गुरु-शिष्य परंपरा और आत्मोन्नति का पर्व है। आज के ही दिन भगवान शिव ने सप्तर्षियों को योग का पहला ज्ञान दिया था इसलिए यह गुरु-तत्व के जागरण का दिन भी है। इस गुरुपूर्णिमा पर उन सभी को प्रणाम, जिन्होंने किसी रूप में हमें कुछ न कुछ सिखाया, चाहे वह माता-पिता हों, शिक्षक हों, हमारे अनुभव हो या फिर हमारे संघर्ष हों, हर सीख और हर गलती गुरु ही तो है।
अमेरिका से आयी रेखा मशरूवाल ने कहा कि परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, एक युगपुरुष हैं। जिन्होंने न केवल सनातन संस्कृति की दिव्यता को जन-जन तक पहुंचाया, अपितु सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया और उसी का दिव्य प्रमाण है कि अमेरिका का हिन्दू जैन टेम्पल, जो भारतीय संस्कारों को विदेश की धरती पर आलोकित कर रहा है।
साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि पूज्य स्वामी का जीवन “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना का जीवंत उदाहरण है।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
You may also like
Aaj Ka Panchang 11 July: सावन मास की शुरुआत पर बन रहा है खास संयोग, वायरल फुटेज में जानें दिनभर के शुभ-अशुभ मुहूर्त
Happy Sawan 2025 Wishes in Hindi: सावन के पावन अवसर पर भेजें ये दिल छूने वाले शुभकामना संदेश, शायरी और स्टेटस
लगातार 13 बार हार, टीम इंडिया ने टॉस में ही बनाया ऐसा शर्मनाक वर्ल्ड रिकॉर्ड, कोई टीम नहीं चाहेगी अपने नाम
वीडियो राशिफल में देखे मेष से मीन तक के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, किसे होगा धन लाभ और किसे रहना होगा सतर्क?
Sawan 2025 Upay : सावन के महीने में इन 5 स्थानों पर जरुर जलाएं दीपक, भगवान शिव की बरसेगी कृपा, पाएंगे धन संपत्ति का सुख