जम्मू, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री बाली भगत ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी द्वारा उर्दू को लेकर दिए गए बयानों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि नायब तहसीलदार पदों के लिए उर्दू को अनिवार्य बनाने के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश के बाद जिस तरह से इन दलों ने टिप्पणी की है वह तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और जम्मू के युवाओं के वैध अधिकारों से ध्यान भटकाने की कोशिश है। बाली भगत ने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनीतिक दल एक प्रशासनिक और योग्यता आधारित मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। कैट का फैसला हजारों ऐसे योग्य उम्मीदवारों के लिए राहत लेकर आया है, जो केवल उर्दू न जानने के कारण आवेदन से वंचित रह गए थे।
पूर्व मंत्री ने उर्दू अनिवार्यता को भेदभावपूर्ण नीति बताते हुए कहा कि इस तरह की शर्तें समान अवसरों के सिद्धांत के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, उर्दू हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, लेकिन इसे अनिवार्य बनाकर गैर-उर्दू भाषी युवाओं को बाहर करना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने बताया कि कैट के आदेश के एक दिन बाद ही आवेदन की अंतिम तिथि थी, जिससे बहुत से युवाओं को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिल पाया। बाली भगत ने मांग की कि नायब तहसीलदार पदों के लिए नई अधिसूचना जारी की जाए और किसी भी आधिकारिक भाषा में आवेदन की अनुमति दी जाए।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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