वाराणसी, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । सावन माह के पहले गुरूवार को दशाश्वमेध ड़ेढ़सी के पुल स्थित देव गुरू बृहस्पति भगवान का भव्य हरियाली श्रृंगार किया गया। मन्दिर के पुजारी सन्तोष गिरी,अभिषेक गिरी के देखरेख में देवगुरू का मंगलाआरती आरती के बाद मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। देवगुरू के विग्रह की भव्य झांकी देख श्रद्धालु आह्लादित दिखे।
इसके पहले पूरे विधि-विधान के साथ मंदिर के महंत और पुजारी संतोष गिरी व अभिषेक गिरी के देखरेख में प्रातःकाल देवगुरु की मंगला आरती संपन्न हुई। श्रृंगार से पूर्व 11 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देवगुरु को पंचामृत स्नान कराया गया। तत्पश्चात देवता को नूतन वस्त्र पहनाकर रंग-बिरंगे पुष्पों एवं अशोक पत्रों से सजाया गया। श्रद्धालुओं ने दौना, गेंदा, गुलाब व मदार की सुगंधित मालाओं से अर्पण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। मंदिर में दिनभर विशेष आरती और पूजन क्रम चलता रहा। दोपहर 12 बजे भोग आरती, दोपहर 2 बजे शयन आरती तथा सायं 4 बजे पुनः भोग आरती की गई। रात्रि 11 बजे तक मंदिर में दर्शन-पूजन का क्रम चलता रहेगा, जिसके पश्चात शयन आरती के साथ दिन का समापन होगा।
पुजारी संतोष गिरी ने बताया कि सावन के शेष तीनों गुरुवार को भी देवगुरु बृहस्पति का श्रृंगार पारंपरिक विधि से किया जाएगा। विशेष रूप से चौथे गुरुवार को भव्य पूजन, श्रृंगार एवं अर्चन के साथ मंदिर प्रांगण को बर्फ से सजाया जाएगा और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच प्रसाद वितरण भी किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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