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मंडोर मंडी : हड़ताल का आज सातवां दिन : नहीं निकला हल, करोड़ों का कारोबार प्रभावित

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जोधपुर, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार की ओर से प्रमुख खाद्य सामग्री व दैनिक रोजमर्रा के काम आने वाली वस्तुओं पर 0.50 पैसा प्रति पैसा सैकड़ा यूजर (उपभोक्ता प्रभार) चार्ज के विरोध में मंडोर कृषि उपज मंडी के व्यापारियों का विरोध जारी है। व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। आज भी व्यापारियों ने व्यापार बंद रखकर विरोध जाहिर किया। हड़ताल का आज सातवां दिन है और करोड़ों का कारोबार प्रभावित हो चुका है। इसके अलावा राज्य सरकार को भी करोड़ों का राजस्व घाटा लग चुका है। आज दोपहर तक मंडी व्यापारियों और सरकार के बीच कोई हल नहीं निकला है। व्यापारी हड़ताल को लेकर काफी पेशाोपेश की स्थिति में भी है। एक तरफ केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दर कम करने का हवाला दे रहे है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार द्वारा लगाए अतिरिक्त प्रभार को लेकर चिंतित है।

मंडोर मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष राजेंद्र परिहार व सचिव धर्मेंद्र भंडारी ने बताया कि मंडी यार्ड में व्यापारियों पर शुल्क अथवा कर तथा मंडी यार्ड से बाहरी व्यापारी पर वही शुल्क अथवा कर नहीं लगाया जाना मण्डी में व्यापार को हानि पहुंचाना है। जबकि मंडी में व्यापारियों को व्यापार स्थानांतरित करने के लिए पूर्व में बाध्य किया गया था। उन्होंने बताया कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है। वहीं राज्य सरकार को मंडी शुल्क के रूप में प्राप्त होने वाले करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसी को लेकर राजमाता विजयाराजे कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज भी जारी रही। राजस्थान सरकार द्वारा लगाए गए नए 0.5 प्रतिशत मंडी टैक्स के विरोध में 14 अगस्त से शुरू हुई यह हड़ताल अब एक व्यापक आंदोलन का रूप ले रही है।

जातरूओं की सेवा भी प्रभावित :

व्यपारी संघ के अनुसार इन दिनों शहर में बाबा रामदेव के मेले में सैकड़ों भण्डारे संचालित हो रहे है। भंडारों के लिए आटा दाल और घी-तेल की काफी मात्रा में खपत होती है। इसके साथ खुदरा विक्रेताओं की दुकानें पर भी सात दिन से चल रही हड़ताल का असर पड़ा है।

राज्य सरकार महंगाई का तोहफा दे रही :

खाद्य तेल व देसी घी व्यापार संस्थान जोधपुर के अध्यक्ष चंपालाल धारीवाल ने बताया कि एक तरफ प्रधानमंत्री खाने की वस्तुओं पर जीएसटी की दरें कम कर आम नागरिकों को राहत देने की घोषणा कर रहे है। जबकि प्रदेश सरकार नया टैक्स लगाकर आम जनता को महंगाई का तोहफ़ा दे रही हैं और व्यापारियों को परेशानी में डाल रही हैं। संस्थान उपाध्यक्ष कैलाश पुंगलिया ने बताया कि इस टैक्स से यदि अधिकांश कृषि जिन्स का व्यापार मंडी यार्ड से बाहर चला गया, तो सरकार का राजस्व प्राप्ति का आंकलन विफल हो जाएगा और प्रशासानिक ख़र्चे बढ़ जाएंगे।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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