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डीजीपी राजीव कृष्ण ने वाराणसी में रिक्रूट आरक्षियों के प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं का लिया जायजा

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—प्रशिक्षण के बाद प्रदेश के प्रत्येक थाने पर औसतन 25 प्रशिक्षित आरक्षी उपलब्ध रहेंगे

वाराणसी,24 जून (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)राजीव कृष्ण ने मंगलवार शाम पुलिस लाइन कमिश्नरेट में रिक्रूट आरक्षियों के प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने ज्वाइनिंग ट्रेनिंग कोर्स (जेटीसी),प्रशिक्षण भवन, परिसर, बैरक, मेस, शैक्षणिक सुविधाओं, कैन्टीन एवं लॉजिस्टिक्स का निरीक्षण किया। इसके बाद आयोजित गोष्ठी में डीजीपी ने कहा कि नव चयनित आरक्षियों का प्रशिक्षण सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस की भावी संरचना को दिशा देने वाला ऐतिहासिक अवसर है । इसे पूरी प्रतिबद्धता, दक्षता व नेतृत्व क्षमता के साथ क्रियान्वित किया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रशिक्षुओं को अपने अनुभव को साझा करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षणोपरान्त प्रदेश के प्रत्येक थाने पर औसतन 25 प्रशिक्षित आरक्षी उपलब्ध होंगे, यह गेम चेंजर की भूमिका में रहेंगे । आने वाले 30 से 40 वर्षों तक उत्तर प्रदेश पुलिस व समाज को आकार देंगें । डीजपी ने जिले में कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़, जन उत्तरदायी एवं संवेदनशील बनाये जाने के लिए 10 प्राथमिकता बता मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध जीरो टालेरेंस की नीति के तहत संगठित अपराध, माफियाओं और असमाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर व त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तिकरण को विशेष प्राथमिकता देने के साथ उनके प्रति संवेदनशीलता, सम्मान व सुरक्षा की भावना के लिए भी ठोस प्रयास करें। जनशिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए जनसुनवाई को प्रभावी बनाते हुए प्रत्येक नागरिक की शिकायत को प्राथमकिता के आधार पर समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाये । कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत कानून तोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति कोई सहानुभूति नहीं बरती जाये । डिजिटल युग की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उन्नत तकनीकों के माध्यम से साइबर अपाराधों पर कार्यवाही की जाये। नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक भी किया जाये। उन्होंने कहा कि पुलिसबल के अधिकारियों व कर्मचारियों की सुविधा, मनोबल और प्रेरणा के लिए प्रशासनिक व कल्याण योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। दक्ष, अनुभवी व विशेषज्ञ पुलिस अधिकारियों/कर्मियों की पहचान कर उनकी प्रतिभा का सदुपयोग किया जाये। जिससे बल की दक्षता व उत्कृष्टता में वृद्धि हो। स्मार्ट पुलिसिंग के लिए तकनीक और आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस का उपयोग कर डाटा आधारित निर्णय क्षमता को सशक्त किया जाये । गोष्ठी के पूर्व पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल, अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया ने डीजीपी को स्मृति चिंह देकर सम्मान किया।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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