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नेपाल में हिंसा और प्रदर्शन के बाद सीमा पर बढी चौकसी

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पूर्वी चंपारण,08 सितंबर (Udaipur Kiran) । नेपाल में सरकार द्वारा फेसबुक सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद राजधानी काठमांडू में शुरू हुई प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बाद भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढा दी गई है।

एसएसबी और स्थानीय पुलिस हर आने जाने वालो की गहन पड़ताल कर रहे है। दरअसल सोशल मीडिया पर बैन के साथ ही नेपाल में व्याप्त भष्ट्राचार और बेरोजगारी को लेकर युवाओ में भारी असंतोष व्याप्त है। इसको लेकर पूर्वी चंपारण जिले से सटे वीरगंज शहर में भी प्रदर्शन हुआ,लेकिन यहां प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा,लेकिन नेपाल की राजधानी कांठमांडु में जेन Z यानी 18 से 30 साल के प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुस गये और संसद के गेट नंबर 1 और 2 पर कब्जा जमा लिया,लिहाजा सुरक्षाकर्मियो की गोलीबारी में 20 से ज्यादा लोगो की मौत हो गई,जबकि करीब 300 लोग घायल बताये जा रहे है।

नेपाल के पत्रकार कुमार अखिल ने बताया कि नेपाल में फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, ट्विटर, लिंक्डइन, सिग्नल, स्नैपचैट समेत कुल 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल पर रोक लगाने के बाद पहले से ही बेरोजगारी और भष्ट्राचार से नाराज युवाओं का गुस्सा फुट पड़ा है। वही पत्रकार श्याम गुप्ता ने बताया कि प्रतिबंध केवल अमेरिका और भारत से जुड़ी साइटों पर लगाया है। चीन के साइटो को पूरी छूट दे दी गई है।

नेपाल सरकार का कहना है कि इन प्लेटफॉर्म्स के उपयोग के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है, और बिना रजिस्ट्रेशन वाले सोशल मीडिया साइटस को बंद किया गया है,जबकि तराई विचार मंच से जुड़े गोरख चौधरी बताते है,कि अचानक इन साइटस को बंद करना संदेहास्पद है क्योकि नेपाल का व्यापार ज्यादातर वाट्सअप से ही चलता है,यह बड़ी साजिश है। यह आंदोलन भारत नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रो में भी फैलेगा। वही वीरगंज स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी बताते है,कि विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद सोशल मीडिया के प्रतिबंधित सभी साईटस को नेपाल सरकार ने खोल दिया है। भारत सरकार पूरी स्थिति पर नजर रख रही है।

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(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार

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