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अनूपपुर: अपर नर्मदा सिंचाई परियोजना निरस्त कराने राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल

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अनूपपुर, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । अपर नर्मदा परियोजना डिंडोरी जिले के शोभापुर में प्रस्तावित हैं इसमें अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखंड के 27 ग्राम पंचायतों के लोग प्रभावित होगे। इस परियोजना में भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं जिसे लेकर क्षेत्र के किसानों और रहवासियों का निरंतर विरोध का स्विर मुखर हैं। जिससे निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त करने की मांग को लेकर बुधवार को अनूपपुर भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम के नेतृत्व में राजेश सिंह सराठीया विजय सिंह पट्टा भागरथ सिंह स्वामी सोनवानी तथा अन्य लोगों का प्रतिनिधिमंडल ने मप्र के राज्यपाल से भोपाल में मुलाकात कर बताया कि जल जंगल जमीन एवं आदिवासियों का संरक्षण सुनिश्चित हो और पलायन की स्थिति निर्मित ना हो।

50 ग्राम पंचायत होगी प्रभावित

पिछले 25 -30 वर्ष पहले अपर नर्मदा परियोजना डिंडोरी जिले के शोभापुर में प्रस्तावित हैं। इस परियोजना में अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखंड शामिल हैं दोनो जिले की लगभग 50 ग्राम पंचायत प्रभावित हो रही हैं। अनूपपुर जिले की 27 ग्राम पंचायतों के 67 हजार परिवार विस्थापित होने का अनुमान हैं। जिसका निरंतर विरोध हो रहा है और क्षेत्र के लोग भय के वातावरण में जीवन जीने को मजबूर हैं। जब चुनाव आता है तो परियोजना को प्रारंभ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है जिससे क्षेत्र के लोगो को संघर्ष करना पड़ रहा है। इसका परियोजना का दुष्परिणाम जल जंगल जमीन और आदिवासियों के पलायन के रूप में देखा जा रहा है जो इस क्षेत्र के लिए हितकर नहीं है।

भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को बताया कि गलत सर्वे और रिपोर्ट तथा दबाव में ग्राम पंचायत के प्रस्ताव फर्जी तरीके से तैयार कर कर प्रस्तुत कर परियोजना को प्रस्तावित करने का कार्य किया गया जबकि हमारे क्षेत्र में इस परियोजना की कोई आवश्यकता ही नहीं है। पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में खरीफ एवं धान की दो फसल का उत्पादन 80 से 90 हजार टन प्रतिवर्ष किया जा रहा है जिसकी खरीदी भी शासन के द्वारा की जाती है फिर भी क्षेत्र को असंचित घोषित करने का कार्य फर्जी तरीके से प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा किया जाता है ऐसी परियोजना के कारण कृषि आधारित हमारे जनजातीय समाज के परिवारों को विस्थापन की स्थिति से गुजरना पड़ता है ऐसे पहले भी हो चुका है।

राज्यपाल को दिए गए पत्र में बताया गया कि अनूपपुर जिला पुष्पराजगढ़ भारतीय संविधान के प्रदत्त भाग 10 में पांचवी अनुसूची में आता है जो अनुसूचित क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसका संरक्षण राज्यपाल के अधीन है। साथ ही पेसा कानून 2022 यहां पर लागू है जिसमें बिना ग्राम सभा के अनुमति के कोई भी ऐसी परियोजना को लागू करने की अनुमति नहीं है जब तक की ग्राम सभा की सहमति प्रदान न हो। प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त कर आदिवासी आंचल को संरक्षण प्रदान करने की मांग की।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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