– सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने दाखिल किया जवाबी हलफनामा
नई दिल्ली, 25 अप्रैल . केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा है कि ये संशोधन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि वक्फ कानून में संशोधन संपत्तियों के धर्मनिरपेक्ष प्रबंधन के लिए है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 5 मई को सुनवाई होने वाली है.
केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि वक्फ संशोधन कानून किसी भी तरह से संविधान के अनुच्छेद 25 एवं 26 का उल्लंघन नहीं करता है. ये संशोधन सरकार के कार्यक्षेत्र के तहत किया गया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि जो संपत्तियां पहले से वक्फ के रुप में रजिस्टर्ड हैं, उन्हें बाय यूजर के प्रावधान से कोई असर नहीं पड़ेगा. ये ग़लत नैरेटिव फैलाया जा रहा है कि इससे सदियों पुराने वक्फ संपत्तियों पर असर पड़ेगा.
17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून के विवादित प्रावधान फिलहाल लागू नहीं होंगे. यानी फिलहाल इस कानून पर यथास्थिति बनी रहेगी. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि रोक लगाने का कोई आधार नहीं हैं. आप एक ऐसा कानून रोकने जा रहे हैं जिसे संसद ने पास किया है. मैं देश के सॉलिसिटर जनरल के तौर पर बहुत जिम्मेदारी से ये बात कह रहा हूं. मैंने कोर्ट की बातों पर ध्यान दिया है, लेकिन सिर्फ कुछ धाराओं को देखकर पूरे कानून पर रोक लगाना सही नहीं होगा. सरकार ने इस कानून को बनाने से पहले लाखों लोगों से बात की है, हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं. कई गांवों की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है. ऐसे में आम लोगों के हितों का भी ध्यान रखने की ज़रूरत है. कोर्ट का इस कानून पर तुरंत रोक लगाना बहुत सख्त कदम होगा.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा था कि क्या 1995 के कानून के तहत जो संपत्तियां वक्फ में रजिस्टर्ड हैं, उन पर अभी कोई कार्रवाई नहीं होगी. तब मेहता ने जवाब दिया था कि यह बात खुद कानून में शामिल हैं. तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि ठीक है, लेकिन फिलहाल वक्फ बोर्ड या वक्फ काउंसिल में कोई नई नियुक्ति न की जाए. चीफ जस्टिस ने कहा था कि हमारे सामने जो स्थिति है उसके आधार पर हम आगे बढ़ रहे हैं. हम नहीं चाहते कि स्थिति पूरी तरह से बदल जाए. हम कानून पर रोक नहीं लगा रहे हैं.
/संजय
————
/ पवन कुमार
You may also like
दीप्ति नवल ने दिखाई कश्मीर की पहली यात्रा की झलक, बोलीं- 'आतंकी हमले से दुखी हूं'
भारत में आतंकवाद खत्म करने के लिए पीओके वापस लेना जरूरी : रामगोपाल यादव
बिहार ने 12वीं सीनियर राष्ट्रीय महिला रग्बी 7 चैंपियनशिप में जीता खिताब
हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री लार पार्क लिंकन का निधन
IPL 2025: KKR vs PBKS, कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम के आंकड़ों और रिकॉर्ड्स पर डालिए एक नजर