नई दिल्ली, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने 30 सितंबर तक कच्चे कपास के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दे दी है। सरकार ने यह कदम कपड़ा क्षेत्र के लिए प्रमुख कच्चे माल कपास की बाजार उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है। सरकार के इस फैसले का भाजपा सांसद एवं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने स्वागत किया है।
वित्त मंत्रालय की ओर से 18 अगस्त को जारी अधिसूचना के अनुसार कपास पर शुल्क छूट 19 अगस्त से प्रभावी होगी, जो 30 सितंबर तक लागू रहेगी। सरकार ने यह अनुमति कपड़ा क्षेत्र के लिए प्रमुख कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार के लिए दी है। कपास पर अब तक 11 फीसदी आयात शुल्क के साथ-साथ कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर (एआईडीसी) भी लगता था।
सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, सरकार ने कपास पर आयात शुल्क को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला स्वागत योग्य कदम है। इससे देश के कपड़ा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से रॉ कॉटन सस्ती आने से हमारे कपड़े की उत्पादन लागत कम होगी और निर्यात बढ़ेगा। उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ भारत का शेयर भी बढ़ेगा।
सरकार ने कपास आयात शुल्क में राहत ऐसे समय में दी है, जब कपड़ा क्षेत्र सहित भारतीय निर्यातकों को अमेरिका में 50 फीसदी की भारी शुल्क दर का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी टैरिफ में मौजूदा 25 फीसदी शुल्क तथा अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क शामिल है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा। ये शुल्क भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद पर दंड के रूप में लगाया गया है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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