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मध्य प्रदेश में हड़ताल पर रहे 40 हजार बैंककर्मी, 8500 शाखाओं में कामकाज प्रभावित

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भोपाल, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में बुधवार को लगभग 40,000 बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे, जिससे राज्य की करीब 8,500 बैंक शाखाओं में कामकाज प्रभावित हुआ। बैंककर्मियों ने यह आंदोलन अपनी 17 प्रमुख मांगों के समर्थन में किया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार की जनविरोधी एवं श्रम विरोधी नीतियों का विरोध भी जताया।

दरअसल, ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा यह हड़ताल बुलाई गई थी। इन संगठनों ने केंद्र की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले केंद्रीय श्रमिक संगठनों का समर्थन करते हुए बैंकिंग सेक्टर की मांगों को सामने रखा।

भोपाल में गर्वनमेंट प्रेस के पास बड़ी संख्या में बैंककर्मी इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन निजीकरण, एफडीआई में बढ़ोतरी, ठेका प्रणाली और एनपीएस जैसी योजनाओं के खिलाफ है। ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता वी.के. शर्मा ने बताया कि यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल देशभर के कर्मचारियों की मांगों को लेकर की गई है, जिसमें मध्यप्रदेश के बैंककर्मी भी सक्रिय रूप से भागीदार बने।

हड़ताल की प्रमुख मांगें:

सार्वजनिक बैंकों और बीमा कंपनियों को मजबूत किया जाए। निजीकरण और विनिवेश की प्रक्रिया रोकी जाए। बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई पर रोक लगे। आउटसोर्सिंग और ठेका नियुक्तियों पर अंकुश लगाया जाए। एनपीएस (नई पेंशन योजना) समाप्त कर ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) लागू की जाए। बैंकों के खराब कर्ज की वसूली के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। बैंकिंग सेवाओं पर ग्राहकों से लिए जा रहे शुल्क कम किए जाएं। स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी हटाया जाए। ट्रेड यूनियन अधिकारों की रक्षा की जाए।

भोपाल में इस हड़ताल का खासा असर दिखा। यहां 400 से अधिक शाखाओं के लगभग 5,000 कर्मचारी काम से दूर रहे। हालांकि कई बैंक खुले रहे, लेकिन कामकाज ठप रहने से ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह हड़ताल एक दिन की थी, लेकिन यदि मांगों पर विचार नहीं हुआ, तो बैंक यूनियन आगे की रणनीति तय कर सकती हैं।

(Udaipur Kiran) तोमर

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