सिरसा, 23 जून (Udaipur Kiran) । भारतीय किसान एकता (बीकेई) के प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह ने कहा कि किसानों के कई सालों के संघर्ष के बाद पिछले साल हिसार घग्गर ड्रेन के फ्लडी पानी की निकासी के लिए साईफन का निर्माण किया गया था। रिश्वतखोर, कमीशनखोर व भ्रष्ट सिंचाई विभाग के अधिकारियों की वजह से कुछ ही दिनों में साइफन की पाइप टूट गई थी, जिसकी आज तक भी मरम्मत नहीं की गई है। इसकी वजह से शेरांवाली पैरेलल (फ्लडी कैनाल), एसजीसी व कुत्ताबढ़ तीन नहरों में पानी की सप्लाई बाधित हो रही है।
इस मामले को लेकर सोमवार को लखविंद्र सिंह ने क्षेत्र के किसानों के साथ सिंचाई विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार से मुलाबात की, जिस पर विभाग के एक्सईएन व ठेकेदार ने कहा कि एक सप्ताह में काम पूरा हो जाएगा, लेकिन पिछले कई महीनों से बार-बार समय मांग रहे हैं। काम पूरा नहीं कर रहे हैं। अगर कहीं मुख्यमंत्री का दौरा हो तो संबंधित विभाग वाले दिन रात एक करके काम पूरा करते हैं, लेकिन पिछले 6 महीनों से इन नहरों पर लगभग 50 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी न मिलने की वजह से ग्वार व नरमे की बिजाई नहीं हो पाई है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो खरीफ सीजन की तीसरी मुख्य फसल धान भी नहीं लगा पाएंगे।
किसान नेता ने कहा कि इस विषय को लेकर कई महीनों से लगातार सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग की नाकामी के चलते समय रहते इस काम को पूरा नहीं किया गया। विभाग द्वारा जानबूझकर काम में देरी की जाती है, क्योंकि उस समय घग्गर में बरसाती पानी आ जाता है। जल्दबाजी के चक्कर में विभाग अपना नाकामी व भ्रष्टाचार छुपा लेता है। ओटू हैड के गेट ठीक करवाने के नाम पर हर साल बिल बनाए जाते हैं, लेकिन गेटों के हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं। इस बार भी समय रहते गेटों की मुरम्मत नहीं की गई है।
लखविंद्र सिंह ने कहा कि ओटू हैड के गेटों से घग्गर नदी के पानी के बहाव से कटाई को रोकने के लिए पुल के आगे सीमेंट की बुर्जियां बनी हुई थी, जिन्हें उखाड़ कर दोबारा लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए का टेंडर हुआ है। हम सरकार से मांग सकते हैं कि इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। किसान नेता ने सिंचाई विभाग को चेतावनी देते हुए कहा है कि आज साईफन के निर्माण कार्य के लिए आखिरी बार समय दे रहे हैं, अगर इसके बाद भी हिसार घग्गर ड्रेन पर बने साईफन की मरम्मत नहीं की जाती तो हमें मजबूरन ओटू हैड पर यातायात को ठप करना पड़ेगा।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
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