अनूपपुर, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के अनूपपुर जनपद पंचायत अंतर्गत गोहरारी डायवर्सन योजना का लाभ किसानों को नहीं मिला। 5 ग्राम पंचायतों में बांध बनाते हुए एकत्रित वर्षा जल से 750 हेक्टेयर की फसल को सिंचित किए जाने के लिए बनाई गई योजना 9 वर्ष बाद भी अधूरी है। किसान आज भी वर्षा पर ही आश्रित हैं। वहीं करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद अब इसे बंद करने की तैयारी की जा रही हैं। कारण 11000 तथा 33000 केवी हाई टेंशन लाइन नहर निर्माण के बीच में आ जाने की वजह से इसे रोक दिया गया है।
सिंचित भूमि का रकबा बढ़ाने तथा किसानो को लाभ देने के उद्देश्य से 14 करोड 39 लाख की लागत से गोहरारी डायवर्सन योजना बनाई गई थी। योजना अंतर्गत जमगांव, अमलई, देवरी, कदमटोला और पयारी गांव में खरीफ सीजन में 150 हेक्टेयर और रबी सीजन में 600 हेक्टेयर भूमि सिंचित किए जाने का लक्ष्य रखा गया था। बांध निर्माण के पश्चात 8400 मीटर नहर का निर्माण किया जाना था। 2016 में भोपाल की फर्म को इसका ठेका दिया गया था। 18 महीने में यह कार्य पूर्ण किया जाना था लेकिन सिर्फ जमगांव और देवरी में नहर का निर्माण किया गया है। तीन गांव आज भी इस योजना से वंचित हैं। जहां नहर बनाई गई है वहां किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं मिला किसानों को पानी
गोहरारी डायवर्सन योजना में 14 करोड रुपए खर्च किए जाने के बावजूद तीन गांव के किसान आज भी पानी से वंचित हैं। अमलाई निवासी किसान प्रेम केवट ने बताया कि बारिश न होने के कारण उनकी फसल सूख रही है यदि इस योजना के अंतर्गत गांव तक नहर विस्तार हो जाता तो उन्हें इससे सुविधा मिलती। कदम टोला निवासी अनिल चौधरी ने बताया कि लंबे समय से यहां के किसान दो फसली खेती के लिए नहर निर्माण की मांग कर रहे हैं लेकिन यह योजना कई वर्षों बाद भी अधूरी है।
योजना शुरू करने के पहले नहीं की जांच
योजना के अंतर्गत नहर निर्माण कार्य में विभागीय लापरवाही देखने को मिली है जहां तकनीकी स्वीकृति के दौरान ही इसके सभी बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण नहर निर्माण आज तक अधूरी है। विभाग के अनुसार 11000 तथा 33000 केवी हाई टेंशन लाइन नहर निर्माण के बीच में आ जाने की वजह से इसे रोक दिया गया है। तकनीकी स्वीकृति और योजना प्रारंभ किए जाने के दौरान इन बिंदुओं का ध्यान नहीं रखा गया था जिसकी वजह से योजना अब तक अधूरी है।
इस संबंध में जल संसधान विभाग अनूपपुर के ईई कामता प्रसाद कड़ियाम का कहना हैं कि यह योजना मेरे कार्यकाल से पहले की है। कार्य अधूरा रह गया है। इसके विखंडन का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है।
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(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
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