हरदा, 22 जून (Udaipur Kiran) । पैसेंजर ट्रेन में एसी और एसी थ्री टायर कोच जोड़ने का मतलब समझ में नहीं आ रहा है। पैसेंजर ट्रेन का जहां किराया बढ़ा दिया गया, वहीं पैसेंजर ट्रेन जनरल डिब्बे कम करके एसी कोच को बढ़ा दिया गया है। जो आम आदमी के लिए मुसीबत बन गई है।
कटनी-भुसावल के बीच एकमात्र पैसेंजर ट्रेन है, जिसमें आम आदमी को यात्रा करना मुश्किल हो गया है। कोच कम होने की वजह से आम आदमी एसी डिब्बे में चले जाते हैं। तो उन पर जर्माना लगाया जाता है। जबकि एसी डिब्बा आमतौर पर खाली ही रहता है। जाहिर सी बात है कि पैसेंजर ट्रेन में एसी में यात्रा करना तो लोग पसंद नहीं करते। समय अधिक लगता है और कम दूरी की यात्रा रहती है। इस नाते जनरल का डिब्बा लेकर यात्रा करते हैं।
कोरोना काल में पैसेंजर को एक्सप्रेस का दर्जा दिया गया था। गणेश रघुवंशी का कहना है कि बाद में स्थित पूर्ववत होने के बाद भी पैसेंजर को पूर्व की तरह पैसे पैसेंजर नहीं बनाया गया। उसमें एसी कोच जोड़कर जनरल डिब्बों की संख्या कम कर दी गई है। जिस कारण आम यात्री जनरल डिब्बे में इधर-उधर दौड़ते हैं और बड़ी मुश्किल से जनरल कोच में चल पाते हैं। प्रत्येक स्टेशन पर रुकने और यात्रा में समय अधिक लगने के कारण इस ट्रेन में यात्रा करना कम पसंद करते हैं। बाबजूद एसी कोच जोड़ा गया है। एसी कोच में यात्रा करने वालों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाये तो यात्रियों की वर्तमान स्थिति का अंदाजा सही तरीके से लगाया जा सकता है।
पैसेंजर ट्रेन में एसी कोच हटाने की मांग जो पकड़ रही है। एसी कोच के कारण आम यात्रियों को दिक्कत होती है। एसी कोच खाली ही रहता है समय अधिक लगने के कारण पैसेंजर ट्रेन से यात्रा करना कम पसंद करते हैं। लंबी दूरी की यात्रा करने वाले एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते हैं। इस पर गोर नहीं किया जा रहा है, जबकि इसकी आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है कि पैसेंजर ट्रेन को पूर्ववत चलाया जाय और एसी कोच की बजाय जनरल कोच के डिब्बो की संख्या बढ़ाई जाये।
पैसेंजर ट्रेन से यात्रा करने वाले आम आदमी की समस्या की घोर अनदेखी की जा रही है। अखिलेश वाष्ट का कहना है कि किराया बढ़ा दिया गया है। इसमें कोई आपत्ति नहीं लेकिन जनरल कोच की संख्या घटाकर एसी कोच जोड़ दिये गए। 1-2 कोच एसी और 7-8 ड़िब्बे थ्री टायर ड़िब्बे जोड़ दिये गये हैं। जो आम तौर खाली रहते हैं। आम आदमी उसमें चढ़ नहीं पाते हैं यदि धोखे से चढ़ गये तो जबर्रदस्ती उतार दिया जाता है और जुर्माना वसूला जाता है।
पैसेंजर ट्रेन में एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या की जांच की जाये तो स्थिति अपने आप स्पष्ट हो जावेगी। कोरोना काल से अब तक की जांच पड़ताल की जाये तो चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आ जायेगी। इस संबंध में गंभीरता पूर्वक विचार-विमर्श करके रेलवे सलाहकार बोर्ड के सदस्यों की राय लेकर आम आदमी की समस्या को ध्यान में रखते हुए कार्गर कदम उठाया जाये जिस समस्या का स्थाई समाधान हो सके।
(Udaipur Kiran) /प्रमोद सोमानी—————
(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
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