बिहार के दरभंगा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां पथ प्रमंडल के एक जीवित चतुर्थ वर्गीय कर्मी को मृत घोषित कर उनके स्थान पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी प्राप्त करने की साजिश रची गई। इस मामले में अब प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को जिलाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में हुई जिला अनुकंपा समिति की बैठक में इस फर्जीवाड़े पर कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह मामला उस समय उजागर हुआ जब समिति की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि जिस कर्मी को मृत दिखाकर नौकरी के लिए आवेदन किया गया, वह अभी भी सेवा में कार्यरत है और जीवित हैं। यह घोर अनियमितता और फर्जीवाड़ा पाते हुए समिति ने 30 मई को की गई अनुकंपा नियुक्ति की अनुशंसा को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
पथ प्रमंडल दरभंगा के एक कर्मी की मौत की झूठी जानकारी देकर, उनके एक रिश्तेदार ने उनके नाम पर अनुकंपा नौकरी की मांग की थी। प्राथमिक स्तर पर कागजों की जांच में यह धोखाधड़ी पकड़ में नहीं आई, और 30 मई को नौकरी की अनुशंसा कर दी गई थी। लेकिन जब आगे की प्रक्रिया में विस्तृत सत्यापन हुआ, तो यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि संबंधित कर्मी न केवल जीवित हैं, बल्कि वर्तमान में कार्यरत भी हैं।
डीएम ने दिए सख्त निर्देश
जिलाधिकारी कौशल कुमार ने इस मामले को गंभीर कदाचार और प्रशासन के साथ धोखाधड़ी करार देते हुए तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्होंने इस प्रकार की फर्जी नियुक्तियों को रोकने के लिए सख्त निगरानी और दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए हैं।
भविष्य के लिए सख्ती
इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि अनुकंपा के सभी मामलों में मृतक कर्मियों के मृत्यु प्रमाण पत्र और सेवा विवरण की गहन जांच की जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।