सीबीआई ने 183.21 करोड़ रुपये के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले का भंडाफोड़ कर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के वरिष्ठ प्रबंधक गोविंद चंद्र हांसदा और मोहम्मद फिरोज खान को गिरफ्तार किया है। मामला इंदौर की कंपनी मेसर्स तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (एमपीजेएनएल) के साथ 974 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं से जुड़ा है। बता दें कि मेसर्स तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड ने साल 2023 में मध्य प्रदेश में एमपीजेएनएल से 974 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाएं हासिल की थीं। इन ठेकों को सपोर्ट करने के लिए कंपनी ने 183.21 करोड़ रुपये की 8 फर्जी बैंक गारंटी जमा कराई थीं।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की कार्रवाईबता दें कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 9 मई 2025 को तीन अलग-अलग केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी जानकारी के अनुसार प्रारंभिक सत्यापन के दौरान एमपीजेएनएल को पीएनबी अधिकारी बनकर मेल भेजे गए और बैंक गारंटी की झूठी पुष्टि की गई। इस फर्जी पुष्टि के बाद एमपीजेएनएल ने इस कंपनी को 974 करोड़ रुपये के तीन ठेके दे दिए। सीबीआई की जांच जारी 19 और 20 जून 2025 को सीबीआई की टीम ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश में 23 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
वहीं, 19 और 20 जून 2025 को इस मामले में पीएनबी के वरिष्ठ प्रबंधक गोविंद चंद्र हांसदा और मोहम्मद फिरोज खान को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद दोनों आरोपियों को कलकत्ता कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया गया, जहां उनसे पूछताछ की गई। जांच में पता चला है कि कलकत्ता स्थित एक सिंडिकेट व्यवस्थित रूप से फर्जी बैंक गारंटी बनाता है और उसका इस्तेमाल सरकारी ठेकों के लिए करता है। बता दें कि सीबीआई की जांच अभी भी जारी है और इस सिंडिकेट के नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।