अगर आप गर्मियों की छुट्टियों में कम बजट में घूमने की सोच रहे हैं और चाहते हैं कि जहां आप जाएं वहां नेचर का साथ भी हो, झीलें हों, टापू हों और वो भी बिना गोवा जैसी भीड़-भाड़ के… तो राजस्थान के एक अनदेखे लेकिन बेहद खूबसूरत शहर बाँसवाड़ा का नाम जरूर याद रखें। बाँसवाड़ा को “सिटी ऑफ हंड्रेड आइलैंड्स” यानी “सौ टापुओं का शहर” कहा जाता है, और यह नाम इस शहर की पहचान बन चुका है।
कहां है बाँसवाड़ा?
बाँसवाड़ा राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित है, जो मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है। यह शहर चारों ओर से हरे-भरे जंगलों, पहाड़ियों और झीलों से घिरा हुआ है। बाँसवाड़ा का मौसम बाकी राजस्थान की तुलना में ज्यादा ठंडा और सुकूनदायक होता है, जिससे यह गर्मी में घूमने के लिए एक आदर्श जगह बन जाती है।
क्यों कहते हैं इसे “City of Hundred Islands”?
बाँसवाड़ा के पास माही नदी पर बना “माही डेम” (माही बजाज सागर परियोजना) एक बड़ा जलाशय बनाता है, जिसमें पानी भरने के बाद सैकड़ों टापू दिखाई देते हैं। इन टापुओं के कारण ही इसे "City of Hundred Islands" कहा जाता है। नाव से इन टापुओं की सैर करना एक ऐसा अनुभव है जो आपको गोवा की याद दिला देगा — लेकिन यहां की खासियत है शांति, प्रकृति और बजट फ्रेंडली टूरिज़्म।
बाँसवाड़ा की खूबसूरती – झीलें, झरने और पहाड़
बाँसवाड़ा शहर में और उसके आसपास कई प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जो आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। यहां की प्रमुख झीलें जैसे कि कागदी पिकनिक स्पॉट, दीपेश्वर मंदिर झील, और विमल सागर झील खास तौर पर सैलानियों को आकर्षित करती हैं। मानसून में यहाँ के झरने और हरियाली इसे और भी स्वर्ग सा बना देते हैं।यदि आपको पहाड़ों पर घूमना और शांत वातावरण में समय बिताना पसंद है, तो बाँसवाड़ा के आसपास के अरावली की पहाड़ियों में ट्रैकिंग करना एक रोमांचक अनुभव हो सकता है।
बाँसवाड़ा के दर्शनीय स्थल
माही डेम: यहाँ से सूरज की पहली किरण और अंतिम रौशनी झील के पानी पर बेहद खूबसूरत लगती है।
कागदी पिकनिक स्पॉट: परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए आदर्श स्थान।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर: धार्मिक पर्यटकों के लिए एक शक्तिपीठ और आस्था का केंद्र।
आर्थूना के प्राचीन मंदिर: इतिहास प्रेमियों के लिए एक खजाना।
पाराहेड़ा शिव मंदिर: शिवभक्तों के लिए पवित्र स्थल।
क्या करें बाँसवाड़ा में?
नाव की सवारी कर सकते हैं और टापुओं का नज़ारा ले सकते हैं।
ट्रैकिंग, फोटोग्राफी और वाइल्डलाइफ ऑब्ज़र्वेशन का मजा ले सकते हैं।
लोकल बाजार से बाँस की कलाकृति, आदिवासी हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्त्र खरीद सकते हैं।
बाँसवाड़ा की खास डिशेज़ जैसे दाल-बाटी, चूरमा, और मक्के की रोटी-सरसों का साग का स्वाद ले सकते हैं।
गोवा जैसा अनुभव, वो भी बजट में!
गोवा जाने में जहां ट्रैवल, होटल और खाना-पीना मिलाकर काफी खर्चा हो जाता है, वहीं बाँसवाड़ा में आप बहुत ही कम लागत में पूरा वीकेंड प्लान कर सकते हैं। रहने के लिए यहाँ पर होटल, लॉज और होमस्टे आसानी से उपलब्ध हैं जो 500 से 1500 रुपये तक में मिल जाते हैं। लोकल ट्रांसपोर्ट भी किफायती है और भोजन भी देसी और स्वादिष्ट।
कैसे पहुंचे बाँसवाड़ा?
रेलवे से: निकटतम रेलवे स्टेशन रतलाम (MP) है, जो लगभग 80 किलोमीटर दूर है।
हवाई मार्ग से: नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर है, जो करीब 160 किमी दूर है।
सड़क मार्ग से: उदयपुर, रतलाम, डूंगरपुर और अहमदाबाद से बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।
पर्यावरण और संस्कृति का अद्भुत संगम
बाँसवाड़ा का एक और बड़ा आकर्षण है यहां की आदिवासी संस्कृति। भील जनजाति की परंपराएं, पहनावा, संगीत और नृत्य एक अनोखा अनुभव देते हैं। यदि आप सौभाग्यशाली हैं और आपके आने का समय किसी लोक मेले या उत्सव से मेल खाता है, तो आपको बाँसवाड़ा की जीवंत संस्कृति को करीब से देखने का मौका मिलेगा।
यदि आप कम खर्च में एक शांत, खूबसूरत और नेचर से भरपूर जगह पर घूमना चाहते हैं, तो बाँसवाड़ा आपके लिए बेस्ट डेस्टिनेशन हो सकता है। यहाँ की झीलें, टापू, हरियाली और संस्कृति आपको एक नई दुनिया का अनुभव देंगी। अगली बार जब छुट्टियों का प्लान बनाएं, तो गोवा को नहीं, “सिटी ऑफ हंड्रेड आइलैंड्स – बाँसवाड़ा” को चुनिए और भरपूर मजा लीजिए।
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