राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी से तीन नाबालिग लड़कियों का अचानक गायब हो जाना पुलिस की कार्यप्रणाली और जांच तंत्र की सुस्त गति पर सवाल खड़े कर रहा है। घटना को दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा है, जिससे स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में चिंता और असंतोष बढ़ गया है।
बालाजी मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते-जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद तीन मासूम लड़कियों का इस तरह गुम हो जाना पूरे इलाके में सनसनी फैला गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना केवल बच्चों की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि मंदिर परिसर और आसपास के इलाके में सुरक्षा की गंभीर कमी को भी उजागर करती है।
पुलिस ने बताया कि गुमशुदगी की सूचना मिलने के तुरंत बाद खोज और जांच अभियान शुरू किया गया। हालांकि, मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच के बावजूद कोई ठोस सुराग नहीं मिला। अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीण और स्थानीय दुकानदारों से भी पूछताछ की जा रही है, लेकिन फिलहाल कोई परिणाम सामने नहीं आया है।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि मंदिर जैसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन और पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। “दो दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस सुराग नहीं मिलने से सवाल उठते हैं कि क्या पुलिस की तत्परता और निगरानी पर्याप्त है,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की गुमशुदगी जैसे मामलों में तुरंत, संगठित और तकनीकी उपायों का उपयोग आवश्यक है। “सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग और क्षेत्रीय पूछताछ को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। देरी से कार्रवाई बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा बन सकती है,” बाल संरक्षण विशेषज्ञ [नाम] ने कहा।
इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया है। मंदिर परिसर में सुरक्षा गार्ड बढ़ाए गए हैं और निकासी और प्रवेश मार्गों पर निगरानी को कड़ा किया गया है। साथ ही, मंदिर में आए श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे बच्चों की निगरानी रखें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
पुलिस ने कहा है कि खोज अभियान लगातार जारी रहेगा और पूरे इलाके में वाहन चेकिंग और सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आसपास के गांवों और बस स्टैंडों पर गुमशुदगी की सूचना के आधार पर जांच तेज की गई है।
अंततः, मेहंदीपुर बालाजी से तीन नाबालिग लड़कियों की रहस्यमयी गुमशुदगी ने न केवल स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और धार्मिक स्थलों पर निगरानी की आवश्यकताओं को भी उजागर किया है। श्रद्धालु और स्थानीय लोग जल्द ही लड़कियों के सुरक्षित लौटने की उम्मीद में पुलिस और प्रशासन से निरंतर अपडेट की मांग कर रहे हैं।
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