जिले के सुंदरपुर में एक 14 वर्षीय छात्रा सुमन प्रिया ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। सुमन प्रिया मधुबनी के नवोदय विद्यालय में पढ़ती थी और कुछ महीनों से अवसादग्रस्त थी, जिसका उपचार चल रहा था। घटना ने परिवार और पूरे इलाके में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
पुलिस ने बताया कि सुमन के पिता बांका में पंचायती राज पदाधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि घटना के बाद परिवार और आसपास के लोग सदमे में हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, छात्रा मानसिक रूप से परेशान थी और पिछले कुछ समय से अवसाद से जूझ रही थी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुमन प्रिया हमेशा पढ़ाई और सामाजिक गतिविधियों में अच्छी थी। किसी को भी यह नहीं लगा कि वह आत्महत्या जैसे कदम पर विचार कर रही थी। परिजनों का कहना है कि वह पिछले कुछ महीनों से मानसिक तनाव में थी, और उपचार के बावजूद उसका मानसिक स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक नहीं हो पाया।
विशेषज्ञों का कहना है कि किशोरावस्था में अवसाद और मानसिक तनाव गंभीर रूप से स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं। उन्होंने परिवारों को चेतावनी दी कि बच्चों की मानसिक स्थिति पर लगातार ध्यान देना और उन्हें समय पर मदद देना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और स्कूलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है ताकि किसी भी तरह के तनाव और अवसाद का समय पर पता चल सके।
विद्यालय प्रशासन ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया है और छात्रा के परिवार के साथ सहानुभूति जताई है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने और छात्रों को सुरक्षित और सहयोगी वातावरण प्रदान करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
सुमन प्रिया की इस दुखद मृत्यु ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य और किशोरावस्था में उत्पन्न तनाव के मुद्दे को भी उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए परिवार, स्कूल और स्थानीय प्रशासन को मिलकर काम करना होगा। बच्चों और किशोरों को खुलकर अपनी भावनाओं को साझा करने का अवसर मिलना चाहिए।
पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि आत्महत्या के कारणों का सही ढंग से पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही पूरे मामले का निष्कर्ष सामने आएगा और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने सुंदरपुर और आसपास के क्षेत्रों में गहरा शोक और चिंता पैदा कर दी है। समाज और प्रशासन ने मिलकर किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
इस प्रकार, दरभंगा के सुंदरपुर में 14 वर्षीय छात्रा सुमन प्रिया की आत्महत्या ने न केवल परिवार को अपूरणीय क्षति दी है, बल्कि किशोर मानसिक स्वास्थ्य और अवसाद जैसी समस्याओं पर सतर्कता और जागरूकता की जरूरत को भी उजागर किया है।
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