इंटरनेट डेस्क। सनातन धर्म में शंख का विशेष महत्व है। आपने देखा होगा की हर मंदिर में सुबह शाम आरती के समय शंख जरूर बजाते हैं, पूजा-पाठ से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों तक, शंख की ध्वनि को बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी और यह भगवान विष्णु का प्रिय वाद्य यंत्र है। इसलिए विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा में शंख का विशेष स्थान होता है। लेकिन आज हम घर में शंख रखने के कुछ खास नियमों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।
सही दिशा में रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शंख को घर में रखने के लिए सबसे शुभ दिशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) मानी गई है। इसे घर के मंदिर या पूजा स्थल के पास रखना चाहिए।
सफाई और पवित्रता
शंख को हमेशा साफ-सुथरी जगह पर रखें। जब भी शंख बजाएं, उसके बाद उसे साफ पानी से धोकर ही वापस रखें। गंदे या धूल भरे स्थान पर शंख रखना अशुभ माना जाता है।
शंख को जमीन पर न रखें
शंख को कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। पूजा के दौरान इसे हमेशा किसी साफ कपड़े या छोटे स्टैंड पर रखा जाए।
दो शंख रखना होता है शुभ
घर में दो शंख रखने की परंपरा मानी जाती है, एक पूजा के लिए और दूसरा बजाने के लिए। पूजा वाला शंख केवल पूजन में इस्तेमाल होता है, जबकि दूसरा शंख बजाने के काम आता है।
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