इंटरनेट डेस्क। विश्वप्रसिद्ध रथ यात्रा जिसके बारे में हर कोई जानता हैं आज से शुरू हो गई है। बता दें कि ओडिशा के पुरी में आज भगवान जगन्नाथ स्वयं भक्तों के बीच आएंगे। 3 भव्य और विशाल रथों में बैठकर प्रभु जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा अपनी मौसी गुंडीचा के घर जाएंगे। जगन्नाथ मंदिर से गुंडीचा मंदिर की यह रथ यात्रा 9 दिन की होती है। जानकारी के अनुसार आज सुबह 6 बजे से ही रथ यात्रा की रस्में शुरू हो गईं हैं जो पूरे दिन चलेंगी और फिर शाम 4 बजे से भक्त भगवान के रथ खींचना शुरू करेंगे। इसके बाद भगवान जगन्नाथ गुंडीचा मंदिर पहुंचेंगे और 7 दिन तक वहीं विश्राम करेंगे।
सोने की झाड़ू से होती हैं सफाई
जानकारी के अनुसार सुबह 6 बजे मंगला आरती की गई, इसके बाद सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा, भगवान को भोग लगाए गए, 9 बजे रथ प्रतिष्ठा हुई, इसके बाद कई अन्य धार्मिक अनुष्ठान होंगे। तीनों देवी-देवता भव्य रथों में विराजमान होंगे,दोपहर में राजा गजपति सोने की झाड़ू से रास्ते की सफाई करेंगे, सोने की झाड़ू से भगवान के रथ के लिए रास्ता साफ करने की इस रस्म को छेरा पन्हारा कहते है।
4 बजे खींचे जाएंगे रथ
जानकारी के अनुसार शाम 4 बजे से रथतना यानी रथ खींचने की रस्म शुरू होगी। भक्त भगवान जगन्नाथ के रथ नंदीघोष, भगवान बलभद्र के रथ तालध्वज और देवी सुभद्रा के रथ देवदलन को खींचना शुरू करेंगे। अपनी मौसी के यहां भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ आराम करेंगे और 56 भोग भी छकेंगे।
pc- news9live
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