इंटरनेट डेस्क। अमेरिका की और से भारत पर लगाए गए टैरिफ के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बड़ी बात कही और स्वदेशी और आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार केवल सहमति से होनी चाहिए, किसी दबाव में नहीं। उन्होंने साफ कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनकर ही दुनिया में योगदान देना है।
क्या कहा और
मीडिया रिपोटर्स की माने तो दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने हिंदुत्व की परिभाषा पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, हिंदुत्व या हिंदुपन क्या है? अगर इसे संक्षेप में कहना हो तो दो शब्द हैं सत्य और प्रेम। दुनिया का संचालन एकता से होता है, सौदेबाजी और अनुबंधों से नहीं।
विकास की दौड़ में भाग रहे देश
इस दौरान मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान का जीवन मिशन विश्व कल्याण है। उनका कहना था कि विकास की दौड़ में दुनिया ने भीतर झांकना छोड़ दिया है। अगर भीतर खोज होगी तो ऐसी अनंत खुशी मिलेगी जो कभी खत्म नहीं होगी। यही मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य है और इससे पूरी दुनिया में शांति और सौहार्द का माहौल बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्व किसी एक संप्रदाय या समुदाय की विचारधारा नहीं है।
pc- aaj tak
You may also like
बच्चों को कितने बजे सोना चाहिए? डॉक्टर ने बताया किस समय ग्रोथ हार्मोन होता है पीक पर`
रविचंद्रन अश्विन के नाम आईपीएल में दर्ज है ऐसा अनचाहा रिकॉर्ड, जिसे यह दिग्गज कभी नहीं रखना चाहेगा याद
टैरिफ़ लागू होने के बाद भी भारत पर क्यों बरस रहे हैं ट्रंप के ये सलाहकार?
रोज की ये आदतें बिगाड़ रही आपकी सेहत समय से पहले बनाती हैं बूढ़ा`
तीन बच्चे जरूरी? RSS प्रमुख ने बताया भारत के भविष्य का राज!