गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण: उत्तर प्रदेश की महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना ने बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। इस 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर 24 घंटे के भीतर दो विश्व रिकॉर्ड बनाए गए हैं। पहला रिकॉर्ड हरदोई-उन्नाव खंड (पैकेज-3) में 34.24 लेन किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट बिछाने के लिए बनाया गया, जबकि दूसरा रिकॉर्ड एक ही दिन में 10 किलोमीटर थ्री बीम क्रैश बैरियर लगाने का है।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने मौके पर जाकर इन रिकॉर्ड्स की पुष्टि की और आधिकारिक प्रमाण पत्र भी जारी किए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा:
नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 19, 2025
सिर्फ 24 घंटे में
10 किमी क्रैश बैरियर और 34.24 लेन किमी बिटुमिनस कंक्रीट निर्माण कर उत्तर प्रदेश ने बनाए दो विश्व रिकॉर्ड!
गोल्डन बुक, एशिया बुक और इंडियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज!
यह उपलब्धि @upeidaofficial की उत्कृष्ट योजना,…
पहला रिकॉर्ड कैसे बना? कैसे बना पहला रिकॉर्ड?
पहला रिकॉर्ड हरदोई-उन्नाव खंड में स्थापित किया गया, जहां केवल 24 घंटे में 34.24 लेन किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट बिछाया गया। इसमें कुल 1,71,210 वर्ग मीटर क्षेत्र में 20,105 घन मीटर मिक्स का उपयोग किया गया। इससे पहले का रिकॉर्ड 27 लेन किलोमीटर था, जो 2023 में गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे पर बना था। इस कार्य में 200 टीपीएच क्षमता वाले पांच हॉट मिक्स प्लांट का उपयोग किया गया।
एक दिन में 10 किलोमीटर क्रैश बैरियर एक दिन में लगे 10 किलोमीटर क्रैश बैरियर
दूसरा रिकॉर्ड थ्री बीम क्रैश बैरियर लगाने में बना, जिसमें मात्र एक दिन में 10 किलोमीटर लंबाई में बैरियर्स लगाए गए। एक्सप्रेसवे निर्माण के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। एक्सप्रेसवे की राइड क्वालिटी और उपयोगकर्ता सुविधा की जांच स्विट्जरलैंड की ईटीएच ज़्यूरिख द्वारा विकसित कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक से की जा रही है।
निर्माण से जुड़े प्रमुख लोग कौन-कौन हैं निर्माण से जुड़े?
इस परियोजना का निर्माण कार्य अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जबकि रिकॉर्ड बनाने वाला कार्य पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा किया गया। इस पूरे प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन यूपीईडा (UPEIDA) द्वारा किया जा रहा है और इसके नवंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
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