इस्लामाबाद। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बदले में पाकिस्तान ने बुनयान-अल-मरसूस ऑपरेशन का एलान किया है। पाकिस्तान के मुल्ला जनरल आसिम मुनीर के कहने पर पाकिस्तान ने बुनयान-अल-मरसूस नाम दिया है। इसका अंजाम भले ही पाकिस्तान को भुगतना पड़े, लेकिन आपको हम ये बताने जा रहे हैं कि बुनयान-अल-मरसूस का मतलब क्या होता है? साथ ही ये भी आपको बताएंगे कि भारत से अब तक हुए युद्ध में पाकिस्तान ने कब किस नाम से अपना ऑपरेशन रखा।
बुनयान-अल-मरसूस इस्लाम की धार्मिक किताब कुरान से ही आया है। कुरान के सूरा 61-4 में बुनयान-अल-मरसूस के बारे में कहा गया है। कुरान के सूरा में कहा गया है- अल्लाह उन सभी से मोहब्बत करता है, जो अपने हक के लिए लड़ते हैं। अरब भाषा में बुनयान किसी इमारत को कहा जाता है। वहीं, मजबूत को मरसूस कहा जाता है। इस तरह पाकिस्तान के दिए नाम बुनयान-अल-मरसूस का मतलब होता है मजबूत इमारत। इस नाम को रखकर पाकिस्तान सेना का जनरल आसिम मुनीर ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उसका मुल्क बहुत मजबूत है। हालांकि, भारत की ओर से शुक्रवार से किए गए मिसाइल प्रहार से पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस समेत कई सैन्य ठिकाने बुरी तरह तबाह हो चुके हैं।
भारत न पहलगाम में 26 पर्यटकों के नरसंहार का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया है। इसके तहत भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की। भारत की इस कार्रवाई में आतंकी संगठनों के ठिकाने मिट्टी में मिल गए। इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने गुरुवार से भारत के तमाम इलाकों में हथियारबंद ड्रोन से हमले की कोशिश की। इन हमलों में पाकिस्तान नाकाम रहा। पाकिस्तान की सेना ने शुक्रवार की रात भी जब ड्रोन से हमले किए और एक भारतीय अधिकारी की मौत और कुछ नागरिकों के घायल होने की खबर मिली, तो भारतीय सेना ने पाकिस्तान के तमाम सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से बड़े हमले किए।
पाकिस्तान की सेना ने साल 1999 में परवेज मुशर्रफ के सेना प्रमुख रहते वक्त करगिल जंग शुरू की थी। पाकिस्तान ने तब इसे ऑपरेशन बदर नाम दिया था। उसके खिलाफ भारत ने ऑपरेशन विजय चलाया था। वहीं, साल 1971 में भारत के खिलाफ ऑपरेशन चंगेज खान चलाने वाली पाकिस्तान की सेना की बुरी हार हुई थी। बांग्लादेश उससे अलग हो गया था और भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को युद्धबंदी बनाया था। जो एक रिकॉर्ड है। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 1965 में ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम चलाया। इसमें भी भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान की जमकर पिटाई की। जबकि, साल 1948 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए ऑपरेशन जिब्राल्टर चलाया और कबायलियों के भेष में अपने सैनिकों की जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराई।
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