गोंडल। बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण (बीएपीएस) संस्था जो एक ओर दुनिया भर में सनातन संस्कृति को बढ़ावा दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षा के क्षेत्र में भी सेवा करते हुए नए आयाम स्थापित कर रही है। इसका ताजा उदाहरण गोंडल में स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण विद्यामंदिर में देखने को मिला। एसएससी बोर्ड परीक्षा 2025 में विद्यालय का 100 प्रतिशत परिणाम आया है। यहां के सभी विद्यार्थियों ने परीक्षा में सफलता अर्जित की है। सबसे बड़ी बात यह है कि विद्यालय के 7 छात्रों ने पूरे प्रदेश में टॉप 10 में जगह भी बनाई है। यह केवल परिणाम नहीं बल्कि संस्कारों, साधना और स्वामीसेवा से ओतप्रोत शिक्षा प्रणाली का परचम है। यहां के 99 विद्यार्थियों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह उपलब्धि नहीं, यह एक आंदोलन है। यह इस बात का प्रमाण है कि जब शिक्षा सेवा बन जाए, तो साधारण से असाधारण जन्म लेते हैं।
बीएपीएस के प्रमुख स्वामी महाराज के आदर्शों से प्रेरित, और महंत स्वामी महाराज के दिव्य नेतृत्व में पोषित, बीएपीएस का यह शिक्षण संस्थान केवल शैक्षणिक केंद्र नहीं, एक संस्कार-संकुल तपोवन है। यहाँ किसान का बेटा और मजदूर की संतान भी तप, त्याग और शिक्षा के सहारे ऊँचाइयों को छूती है। ऐसे समय में जहाँ दुनिया ‘स्मार्ट क्लासरूम’ की बात करती है, वहां बीएपीएस ‘स्मार्ट जीवन’ गढ़ता है। शिक्षक यहाँ गुरु हैं, छात्र शिष्य हैं और शिक्षा एक आराधना है।
प्रदेश में टॉप 10 में जगह बनाने वाले बीएपीएस स्वामीनारायण विद्यामंदिर के विद्यार्थी
– हडियाल निकुंज और वटिया दक्षंत ने 99.98 प्रतिशत अंकों के साथ पूरे गुजरात में संयुक्त रूप से दूसरी रैंक पाई है।
– पटेल भाविक ने 99.97 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में तीसरी रैंक अर्जित की है।
– मालवी चैतन्य ने 99.96 फीसदी अंक हासित करते हुए गुजरात में चौथी रैंक हासिल की है।
– पटेक दर्श और लूखी कीर्तन ने 99.93 प्रतिशत अंक हासिल किए और इसी के साथ दोनों ने सातवीं रैंक पाई।
– टंडेल स्वप्निल ने 99.91 फीसदी अंकों के साथ प्रदेश में नौवीं रैंक हासिल की।
शतप्रतिशत अंक : केवल नंबर नहीं, तपस्या की जीत :
– विज्ञान में 72 छात्रों ने 100 में से 100 अंक हासिल किए हैं।
– गणित में 27 छात्रों को 100 में 100 अंक मिले हैं।
– संस्कृत में 39 छात्रों ने 100 में 100 अंक पाकर मान बढ़ाया है।
– सामाजिक विज्ञान में 5 छात्रों ने 100 में से 100 अंक प्राप्त कर परचम लहराया है।
यह केवल विद्यालय नहीं, भारत के उज्ज्वल भविष्य की प्रयोगशाला
आज जब शिक्षा एक व्यवसाय बनती जा रही है, बीएपीएस उसमें सेवा, स्नेह और संवेदना का रंग घोलता है। जहाँ दुनिया केवल मार्कशीट बनाती है, वहाँ बीएपीएस चरित्रवान नागरिक, नैतिक नेतृत्व और राष्ट्रनायक तैयार करता है। यह केवल विद्यालय नहीं, यह भारत के उज्ज्वल भविष्य की प्रयोगशाला है। आइए एक ऐसे गुरुकुल का हिस्सा बनिए जहाँ शिक्षा के साथ संस्कार चलते हैं और भविष्य के साथ मूल्य जुड़ते हैं। अपने पुत्र को केवल डॉक्टर या इंजीनियर नहीं, एक दिव्य जीवन का मार्ग दीजिए।
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