News India Live, Digital Desk: युवा भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ, जिन्हें एक समय भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना जाता था, उनके लिए रणजी ट्रॉफी 2025 की शुरुआत बिल्कुल भी अच्छी नहीं रही है. उम्मीद थी कि अपनी पुरानी टीम मुंबई को छोड़कर महाराष्ट्र की तरफ से खेलने के इस फैसले के बाद वह जोरदार वापसी करेंगे, खासकर एक अभ्यास मैच में धमाकेदार शतक जड़ने के बाद. लेकिन, ऐसा लग रहा है कि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. पृथ्वी शॉ ने महाराष्ट्र के लिए अपने पहले ही रणजी ट्रॉफी मैच में बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौटकर अपने फैंस को एक बार फिर निराश कर दिया. रणजी ट्रॉफी 2025-26 के इस सीजन में उनसे बड़े प्रदर्शन की उम्मीद थी.यह घटना मंगलवार, 15 अक्टूबर को तिरुवनंतपुरम में महाराष्ट्र और केरल के बीच शुरू हुए मुकाबले में हुई. टॉस जीतकर महाराष्ट्र के कप्तान अंकित बावने ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन टीम की शुरुआत बहुत ही निराशाजनक रही. सभी की निगाहें पृथ्वी शॉ पर थीं, क्योंकि महाराष्ट्र की टीम में शामिल होने के बाद से ही उनके प्रदर्शन पर खूब बातें हो रही थीं. उन्होंने हाल ही में एक अभ्यास मैच में मुंबई के खिलाफ 181 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी, जिसमें 219 गेंदों का सामना किया था, जिसके बाद उनकी फॉर्म में वापसी की उम्मीद बढ़ गई थी. लेकिन केरल के खिलाफ उनका यह पहला मुकाबला एक झटके जैसा साबित हुआ.मैच की तीसरी गेंद पर ही केरल के तेज गेंदबाज एमडी निधिश ने पृथ्वी शॉ को इनस्विंग गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. शॉ केवल चार गेंदों का सामना कर सके और अपना खाता तक नहीं खोल पाए. पृथ्वी शॉ के इस तरह शून्य पर आउट होने से महाराष्ट्र के खेमे में मायूसी छा गई, वहीं विरोधी टीम ने इसका जमकर फायदा उठाया. यह मुंबई से महाराष्ट्र रणजी टीम में आए पृथ्वी शॉ के लिए एक निराशाजनक आगाज था.सिर्फ पृथ्वी शॉ ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों ने भी पूरी तरह निराश किया. पहले दिन की शुरुआती ओवरों में ही टीम ने सिर्फ 20 गेंदों के अंदर अपने 4 अहम विकेट गंवा दिए. शॉ के आउट होने के बाद अर्शिन कुलकर्णी, सिद्धेश वीर और कप्तान अंकित बावने भी बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौट गए. इसमें से 3 बल्लेबाज तो बिना खाता खोले ही आउट हो गए थे, जिससे केरल ने महाराष्ट्र को शुरुआत में ही बड़े संकट में डाल दिया.यह सीजन पृथ्वी शॉ के लिए बेहद अहम था, खासकर जब वह घरेलू टीम बदलकर राष्ट्रीय टीम में वापसी का रास्ता ढूंढ रहे थे. मुंबई से महाराष्ट्र में आना उनके लिए एक नया अध्याय माना जा रहा था, लेकिन इस खराब शुरुआत ने निश्चित रूप से उन पर दबाव बढ़ा दिया होगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह आने वाले रणजी ट्रॉफी 2025 मैचों में इस शुरुआती असफलता को कैसे पीछे छोड़ते हैं और अपनी प्रतिभा के अनुसार रन बनाने में कामयाब होते हैं. उम्मीद है कि रणजी क्रिकेट 2025 में उनका प्रदर्शन बेहतर होगा.
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