Pitru Paksha 2025 : कब से शुरू होगा श्राद्ध, जानें तिथियां, महत्व और जरूरी नियम श्राद्ध और तर्पण: पितरों की आत्मा की शांति के लिए विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण करें। पिंडदान: श्राद्ध कर्म के दौरान पिंडदान जरूर करें। दान-पुण्य: जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, सोना-चांदी, तिल, घी, तेल, गुड़, नमक, भूमि आदि का दान करें। ब्राह्मण भोज: श्राद्ध के दिनों में ब्राह्मण भोज का आयोजन करना भी शुभ माना जाता है। पशु-पक्षियों के लिए भोजन: गाय, कौवा, चींटी और कुत्तों के लिए भोजन जरूर निकालें। पितृ पक्ष में विशेष नियम:
News India Live, Digital Desk: Pitru Paksha 2025 : हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। 15 दिनों का यह समय पितरों की पूजा और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने का होता है। मान्यता है कि इन दिनों पितर अपने लोक से पृथ्वी पर आते हैं और श्राद्ध, तर्पण व दान आदि से प्रसन्न होकर वापस जाते हैं। आइए जानते हैं साल 2025 में पितृ पक्ष की तिथियां, महत्व और इस दौरान किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- प्रारंभ: 7 सितंबर 2025 (भाद्रपद पूर्णिमा)
- समापन: 21 सितंबर 2025 (सर्व पितृ अमावस्या)
भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि 7 सितंबर को देर रात 1:41 बजे आरंभ होकर उसी दिन रात 11:38 बजे तक रहेगी। इसलिए पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा।
पक्ष में करने योग्य कार्य:- पितृपक्ष में रोजाना पितृ चालीसा या गीता के सातवें अध्याय का पाठ करें। इससे पितरों को मोक्ष मिलता है।
- इस दौरान विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश और किसी नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
- कोई भी नया सामान, गहने, कपड़े आदि खरीदने से बचें।
- मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें।
इन नियमों और विधियों का पालन कर पितृ पक्ष के दौरान पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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