ईपीएस-95 योजना के तहत न्यूनतम पेंशन वृद्धि के वादे फिर से सुनाई दे रहे हैं। अक्टूबर में होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक के साथ, पेंशनभोगी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से "दिवाली उपहार" की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 10 से 11 अक्टूबर के बीच बेंगलुरु में बैठक होगी। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया करेंगे। इस बैठक में पेंशनभोगियों और ईपीएफ खाताधारकों के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। ईपीएफ दिवाली से पहले अपने ग्राहकों के लिए घरेलू आय बढ़ाने हेतु कई लाभों की घोषणा कर सकता है। यह सात महीनों में पहली बैठक होगी। प्रमुख एजेंडा में से एक ईपीएफ और ईपीएस खातों के लिए सुचारू लेनदेन प्रदान करने हेतु ईपीएफओ पोर्टल को पूरी तरह से नया रूप देना है। इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों को ईपीएफओ 3.0 के तहत अपग्रेड के लिए चुना गया है। नियोजित उन्नयन के तहत, ईपीएफओ सदस्य एटीएम या यूपीआई के माध्यम से आंशिक निकासी जैसे वित्तीय लेनदेन कर सकेंगे। यह डिजिटल पहुँच और सुविधा की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। चर्चा का मुख्य मुद्दा ईपीएस-1995 के तहत न्यूनतम पेंशन में वृद्धि है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बढ़ती महंगाई के कारण ट्रेड यूनियनों की लंबे समय से चली आ रही मांग, पेंशन को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह किया जा सकता है। इससे पहले, एक उच्च-स्तरीय निगरानी समिति ने 2,000 रुपये प्रति माह का प्रस्ताव रखा था। लेकिन वित्त मंत्रालय ने इसे मंज़ूरी नहीं दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में 1 सितंबर, 2014 को पहली न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक पेंशन लागू की गई थी। EPS-1995 एक लाभकारी सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसका कोष (i) नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले वेतन का 8.33 प्रतिशत, (ii) केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले वेतन का 1.16 प्रतिशत, 15,000 रुपये मासिक की वेतन सीमा तक, से बनता है।
You may also like
एच-1बी वीज़ा की फ़ीस बढ़ने से भारतीय लोगों का कितना फ़ायदा, कितना नुक़सान?
Litton Das ने रचा इतिहास, शाकिब अल हसन को पछाड़ बने बांग्लादेश के टी20 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज
होंडा एक्टिवा ई बनाम टीवीएस आई-क्यूब और बजाज चेतक: कौन सा ई-स्कूटर है बेहतर?
कांग्रेस पार्टी अपनी नीतियों के कारण वजूद खो रही : सौरभ बहुगुणा
भारत और ग्रीस के बीच पहला नौसैनिक अभ्यास: हिंद महासागर से भूमध्य सागर तक का संदेश