विश्व कप विजेता विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋचा घोष को शनिवार को ईडन गार्डन्स में एक भव्य समारोह में सम्मानित किया गया जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें बंग भूषण पुरस्कार, पुलिस उपाधीक्षक पद और सोने की एक चेन भेंट की। ईडन गार्डन्स में इस समारोह का आयोजन करने वाले बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने उन्हें 34 लाख रुपये की राशि भी प्रदान की जो विश्व कप फाइनल में उनके द्वारा बनाए गए प्रत्येक रन के लिए एक एक लाख रुपये के हिसाब से था।
सौरव गांगुली ने की जमकर तारीफइस तरह ऋचा बंगाल की पहली विश्व कप विजेता क्रिकेटर बनीं। 2003 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद सौरव गांगुली भारतीय कप्तान के रूप में यह खिताब जीतने से चूक गए थे। ऋचा ने भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई थी। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में 24 गेंद में तीन चौके और दो छक्कों की मदद से 34 रन की पारी खेली।
सीएबी अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सिलीगुड़ी की 22 वर्षीय खिलाड़ी को बंगाल का गौरव बताते हुए कहा, ‘ऋचा ने राज्य को गौरवान्वित किया है। मुझे उम्मीद है कि वह अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखेंगी और एक दिन भारतीय महिला टीम की कप्तान बनेंगी।’ ऋचा ने ‘फिनिशर’ की भूमिका पर कहा, ‘मुझे दबाव पसंद है। जब मैं नेट्स पर बल्लेबाजी करती हूं तो मैं समय का ध्यान रखती हूं और देखती हूं कि मैं उस खास समय में कितने रन बना सकती हूं।’
ऋचा को जमकर मिले अवॉर्डसीएबी ने उन्हें एक सुनहरा बल्ला और गेंद भेंट की जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशंसकों और गणमान्य व्यक्तियों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच व्यक्तिगत रूप से बंग भूषण पदक, डीएसपी नियुक्ति पत्र और सोने की चेन सौंपी। बंग भूषण और बंग विभूषण पुरस्कार पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा स्थापित सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं जो कला, संस्कृति, साहित्य, लोक प्रशासन और सार्वजनिक सेवा सहित मानव प्रयास के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रदान किए जाते हैं।
इस कार्यक्रम में बंगाल की महिला क्रिकेट आइकन झूलन गोस्वामी, राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास, उत्तर बंगाल से ताल्लुक रखने वाली अभिनेत्री-सांसद मिमी चक्रवर्ती और ऋचा के माता-पिता मनबेंद्र और स्वप्ना घोष भी शामिल हुए।
सौरव गांगुली ने की जमकर तारीफइस तरह ऋचा बंगाल की पहली विश्व कप विजेता क्रिकेटर बनीं। 2003 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद सौरव गांगुली भारतीय कप्तान के रूप में यह खिताब जीतने से चूक गए थे। ऋचा ने भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई थी। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में 24 गेंद में तीन चौके और दो छक्कों की मदद से 34 रन की पारी खेली।
सीएबी अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सिलीगुड़ी की 22 वर्षीय खिलाड़ी को बंगाल का गौरव बताते हुए कहा, ‘ऋचा ने राज्य को गौरवान्वित किया है। मुझे उम्मीद है कि वह अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखेंगी और एक दिन भारतीय महिला टीम की कप्तान बनेंगी।’ ऋचा ने ‘फिनिशर’ की भूमिका पर कहा, ‘मुझे दबाव पसंद है। जब मैं नेट्स पर बल्लेबाजी करती हूं तो मैं समय का ध्यान रखती हूं और देखती हूं कि मैं उस खास समय में कितने रन बना सकती हूं।’
ऋचा को जमकर मिले अवॉर्डसीएबी ने उन्हें एक सुनहरा बल्ला और गेंद भेंट की जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशंसकों और गणमान्य व्यक्तियों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच व्यक्तिगत रूप से बंग भूषण पदक, डीएसपी नियुक्ति पत्र और सोने की चेन सौंपी। बंग भूषण और बंग विभूषण पुरस्कार पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा स्थापित सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं जो कला, संस्कृति, साहित्य, लोक प्रशासन और सार्वजनिक सेवा सहित मानव प्रयास के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रदान किए जाते हैं।
इस कार्यक्रम में बंगाल की महिला क्रिकेट आइकन झूलन गोस्वामी, राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास, उत्तर बंगाल से ताल्लुक रखने वाली अभिनेत्री-सांसद मिमी चक्रवर्ती और ऋचा के माता-पिता मनबेंद्र और स्वप्ना घोष भी शामिल हुए।
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