गाजा पट्टी: इजरायली हमलों और नाकाबंदी का सामना कर रहे गाजा में हालात बेहद खराब हो गए हैं। 100 से ज्यादा सहायता संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने कहा है कि गाजा में बड़े पैमाने पर भुखमरी फैल रही है। इन समूहों ने बुधवार को जारी अपने बयान में कहा है कि गाजा में राहत के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो नतीजे बेहद खराब हो सकते हैं। मानवाधिकार गुटों ने गाजा में पूरी पीढ़ी के भविष्य पर संकट होने की बात कही है। मेडिसिन सैन्स फ्रंटियर्स (एमएसएफ), सेव द चिल्ड्रन और ऑक्सफैम जैसे संगठन संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं।
बुधवार को 109 मानवीय संगठनों ने कहा, 'इजरायली सरकार की घेराबंदी के कारण गाजा के लोग भूख से मर रहे हैं। आपूर्ति पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। ऐसे में मानवीय संगठन अपने ही सहयोगियों और साझेदारों को अपनी आंखों के सामने दम तोड़ते हुए देख रहे हैं। अब सिर्फ फिलिस्तीनी ही नहीं, संगठनों के सहयोगी और कर्मचारी भी खाने की कमी का सामना कर रहे हैं।' दूसरी ओर गाजा में आपूर्ति को नियंत्रित करने वाले इजरायल ने संगठनों की चेतावनी को खारिज करते हुए उन पर हमास के समर्थन का आरोप लगाया है।
विनाशकारी परिणाम होंगेसंयुक्त राष्ट्र एजेंसी की ओर से कहा गया है कि गाजा में भूख के चलते विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, गाजा में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में से 20 फीसदी महिलाएं कुपोषण का शिकार हैं। डब्ल्यूएचओ ने आने वाले समय में स्थिति और खराब होने के संकेत दिए हैं।
संयुक्त राष्ट्र यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी (यूएनएफपीए) ने कहा है कि गाजा में भुखमरी, मनोवैज्ञानिक आघात और स्वास्थ्य सेवा की गिरावट के कारण बच्चों का जन्म मुश्किल हो सकता है। यूएनएफपीए ने चेतावनी दी है कि ये स्थितियां एक पूरी पीढ़ी के अस्तित्व के लिए खतरा हैं। संगठन ने 2025 की पहली छमाही के आंकड़े पेश किए हैं, जिनके अनुसार जन्म दर में तेजी से गिरावट आएगी। यूएनएफपीए ने जनवरी से जून तक 220 मातंओं की मौत दर्ज की है, यह 2022 में दर्ज मातृ मृत्यु से 20 गुना ज्यादा है।
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इजरायल ने इस साल मार्च की शुरुआत में गाजा में सहायता आपूर्ति पर पूरी तरह रोक लगा दी थी और दो महीने के युद्धविराम के बाद फिर से हमले शुरू कर दिए थे। इससे गाजा में भोजन, दवा और ईंधन की कमी हो गई है। इससे कुपोषण तेजी से बढ़ रहा है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में कई बीमारियां हो रही है। खाने और पानी की कमी से लोग दम तोड़ रहे हैं।
बुधवार को 109 मानवीय संगठनों ने कहा, 'इजरायली सरकार की घेराबंदी के कारण गाजा के लोग भूख से मर रहे हैं। आपूर्ति पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। ऐसे में मानवीय संगठन अपने ही सहयोगियों और साझेदारों को अपनी आंखों के सामने दम तोड़ते हुए देख रहे हैं। अब सिर्फ फिलिस्तीनी ही नहीं, संगठनों के सहयोगी और कर्मचारी भी खाने की कमी का सामना कर रहे हैं।' दूसरी ओर गाजा में आपूर्ति को नियंत्रित करने वाले इजरायल ने संगठनों की चेतावनी को खारिज करते हुए उन पर हमास के समर्थन का आरोप लगाया है।
विनाशकारी परिणाम होंगेसंयुक्त राष्ट्र एजेंसी की ओर से कहा गया है कि गाजा में भूख के चलते विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, गाजा में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में से 20 फीसदी महिलाएं कुपोषण का शिकार हैं। डब्ल्यूएचओ ने आने वाले समय में स्थिति और खराब होने के संकेत दिए हैं।
संयुक्त राष्ट्र यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी (यूएनएफपीए) ने कहा है कि गाजा में भुखमरी, मनोवैज्ञानिक आघात और स्वास्थ्य सेवा की गिरावट के कारण बच्चों का जन्म मुश्किल हो सकता है। यूएनएफपीए ने चेतावनी दी है कि ये स्थितियां एक पूरी पीढ़ी के अस्तित्व के लिए खतरा हैं। संगठन ने 2025 की पहली छमाही के आंकड़े पेश किए हैं, जिनके अनुसार जन्म दर में तेजी से गिरावट आएगी। यूएनएफपीए ने जनवरी से जून तक 220 मातंओं की मौत दर्ज की है, यह 2022 में दर्ज मातृ मृत्यु से 20 गुना ज्यादा है।
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इजरायल ने इस साल मार्च की शुरुआत में गाजा में सहायता आपूर्ति पर पूरी तरह रोक लगा दी थी और दो महीने के युद्धविराम के बाद फिर से हमले शुरू कर दिए थे। इससे गाजा में भोजन, दवा और ईंधन की कमी हो गई है। इससे कुपोषण तेजी से बढ़ रहा है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में कई बीमारियां हो रही है। खाने और पानी की कमी से लोग दम तोड़ रहे हैं।
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