नई दिल्ली: काफी लोग कई-कई सालों तक अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करते। उन्हें लगता है कि पैसा बैंक के पास है। यह कहीं नहीं जा रहा। लेकिन एक समय के बाद आप अकाउंट का इस्तेमाल न करें तो बैंक उस रकम को भारतीय रिजर्व बैंक ( आरबीआई ) के पास भेज देता है। वहीं काफी लोग ऐसे भी होते हैं जो अपना बैंक अकाउंट भूल ही जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो चिंता न करें। रिजर्व बैंक ने इसके लिए एक खास अभियान शुरू किया है। अक्टूबर से शुरू हुआ यह अभियान दिसंबर 2025 तक चलेगा। रिजर्व बैंक ने ऐसे तीन तरीके बताए हैं जिनका इस्तेमाल करके आप अपने बैंक अकाउंट में सालों से पड़े लावारिस पैसों को वापस पा सकते हैं।
क्या है बैंक में पैसे का नियम?अगर कोई बैंक अकाउंट दो साल से ज्यादा और 10 साल तक बंद पड़ा है, तो उसका पैसा बैंक के पास ही रहता है। लेकिन अगर खाता 10 साल से ज्यादा समय से बंद है, तो वह पैसा आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (DEA) फंड में चला जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह पैसा रिजर्व बैंक का हो गया। जमाकर्ता या उनके कानूनी वारिस इस पैसे को कभी भी वापस ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है।
दो साल से 10 साल तक बंद रहने पर नियमअगर कोई शख्स अपने बैंक अकाउंट को दो साल से ज्यादा और 10 साल तक इस्तेमाल नहीं करता है तो वह अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है। जब अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है, तो उसमें रखे पैसे तो सुरक्षित रहते हैं, लेकिन कुछ सेवाएं बंद हो जाती हैं। अकाउंट फिर से चालू करने के लिए केवाईसी डिटेल्स अपडेट करनी होती है और कोई एक ट्रांजेक्शन करना होता है।
अकाउंट 10 साल से ज्यादा बंद रहने परअगर बैंक अकाउंट पूरे 10 साल या इससे ज्यादा समय तक निष्क्रिय रहता है, तो बैंक की ओर से उसमें जमा सारा पैसा और ब्याज भी रिजर्व बैंक के डीईए फंड में जमा कर दिया जाता है। यह फंड मई 2014 में शुरू किया गया था। इसमें उन सभी कमर्शियल और को-ऑपरेटिव बैंकों से लावारिस पैसा इकट्ठा होता है जो एक दशक से ज्यादा समय से इस्तेमाल नहीं हुआ है या जिसका कोई दावा करने वाला नहीं है।
कैसे पाएं डीईए फंड से पैसा वापस?रिजर्व बैंक के डीईए फंड में जमा पैसे को ग्राहक या उनके कानूनी वारिस कभी भी वापस पा सकते हैं। इसके लिए कोई समय सीमा नहीं है। अपना पैसा वापस पाने के लिए आप ये 3 कदम उठा सकते हैं:
लावारिस पैसे का कैसे पता करें?अगर आप यह जानना चाहते हैं कि कहीं आपका कोई पैसा लावारिस तो नहीं पड़ा है, तो आप अपने बैंक से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप रिजर्व के UDGAM पोर्टल का इस्तेमाल करके भी लावारिस पैसों की जानकारी ले सकते हैं। फिलहाल UDGAM (Unclaimed Deposits Gateway to Access Information) पोर्टल पर 30 बैंक जुड़े हुए हैं। इनमें SBI, HDFC, ICICI आदि बैंक शामिल हैं।
क्या है बैंक में पैसे का नियम?अगर कोई बैंक अकाउंट दो साल से ज्यादा और 10 साल तक बंद पड़ा है, तो उसका पैसा बैंक के पास ही रहता है। लेकिन अगर खाता 10 साल से ज्यादा समय से बंद है, तो वह पैसा आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (DEA) फंड में चला जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह पैसा रिजर्व बैंक का हो गया। जमाकर्ता या उनके कानूनी वारिस इस पैसे को कभी भी वापस ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है।
दो साल से 10 साल तक बंद रहने पर नियमअगर कोई शख्स अपने बैंक अकाउंट को दो साल से ज्यादा और 10 साल तक इस्तेमाल नहीं करता है तो वह अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है। जब अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है, तो उसमें रखे पैसे तो सुरक्षित रहते हैं, लेकिन कुछ सेवाएं बंद हो जाती हैं। अकाउंट फिर से चालू करने के लिए केवाईसी डिटेल्स अपडेट करनी होती है और कोई एक ट्रांजेक्शन करना होता है।
अकाउंट 10 साल से ज्यादा बंद रहने परअगर बैंक अकाउंट पूरे 10 साल या इससे ज्यादा समय तक निष्क्रिय रहता है, तो बैंक की ओर से उसमें जमा सारा पैसा और ब्याज भी रिजर्व बैंक के डीईए फंड में जमा कर दिया जाता है। यह फंड मई 2014 में शुरू किया गया था। इसमें उन सभी कमर्शियल और को-ऑपरेटिव बैंकों से लावारिस पैसा इकट्ठा होता है जो एक दशक से ज्यादा समय से इस्तेमाल नहीं हुआ है या जिसका कोई दावा करने वाला नहीं है।
कैसे पाएं डीईए फंड से पैसा वापस?रिजर्व बैंक के डीईए फंड में जमा पैसे को ग्राहक या उनके कानूनी वारिस कभी भी वापस पा सकते हैं। इसके लिए कोई समय सीमा नहीं है। अपना पैसा वापस पाने के लिए आप ये 3 कदम उठा सकते हैं:
- किसी भी बैंक की शाखा में जाएं।
- एक फॉर्म भरें और पहचान के सबूत के तौर पर केवाईसी डॉक्यूमेंट जमा करें। जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड आदि।
- जब आपके डॉक्यूमेंट की जांच हो जाएगी, तो आपको आपका पैसा ब्याज समेत मिल जाएगा।
लावारिस पैसे का कैसे पता करें?अगर आप यह जानना चाहते हैं कि कहीं आपका कोई पैसा लावारिस तो नहीं पड़ा है, तो आप अपने बैंक से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप रिजर्व के UDGAM पोर्टल का इस्तेमाल करके भी लावारिस पैसों की जानकारी ले सकते हैं। फिलहाल UDGAM (Unclaimed Deposits Gateway to Access Information) पोर्टल पर 30 बैंक जुड़े हुए हैं। इनमें SBI, HDFC, ICICI आदि बैंक शामिल हैं।
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