पटना : प्रशांत किशोर अपने सभी जन सभाओं में एक बात हमेशा दोहराते हैं। पीके कहते हैं कि आप लोग जन सुराज के उस उम्मीदवार को वोट मत दीजिए, जो आपको पसंद नहीं हो। साथ ही वो ये भी कहते हैं कि आपको किसी अन्य पार्टी का उम्मीदवार पसंद हो, तो उसे वोट दीजिए। लेकिन किसी भी अपराधी और भ्रष्टाचारी को वोट मत दीजिए। सवाल उठता है कि पीके ये बातें क्यों कहते हैं? सियासी जानकारों की मानें, तो प्रशांत किशोर को पता है कि बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी और अन्य दलों की ओर से जो लोग उम्मीदवार बनाए गए हैं, वे अपराधी हैं। और उन पर कई तरह क्रिमिनल केस चल रहे हैं। पहले चरण के प्रचार का शोर थमने के बाद अब दूसरे चरण की तैयारी शुरू है। इस बीच एक एडीआर की रिपोर्ट ने सियासी हलचल मचा दी है।
उम्मीदवारों के ऊपर मामले
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के उम्मीदवारों के बारे में ( एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स)एडीआर की ओर से एक रिपोर्ट पेश की गई है। इस ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि दूसरे चरण के चुनाव में उतरे उम्मीदवारों में से एक तिहाई उम्मीदवार पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे चरण में कुल 1302 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। 1297 प्रत्याशियों ने जो शपथ पत्र दाखिल किया है। उसके मुताबिक हलफनामे अस्पष्ट होने के कारण इसे रिपोर्ट में शामिल नहीं किया है। जिनके रिपोर्ट का विश्लेषण नहीं हो पाया है। उसमें जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार मंटू सिंह, धीरेंद्र अग्रवाल, इकरामूल हक और आरजेडी के अबू दोजाना और निर्दलीय उम्मीदवार रीतु जायसवाल का नाम शामिल है।
एडीआर की रिपोर्ट
एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि 1297 उम्मीदवारों में से 415 उम्मीदवार यानी 32 फिसदी के ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए गए हैं। उनमें से 341 पर यानी 26 फिसदी पर गंभीर आपराधिक मामले, जिसमें अपहरण, हत्या, हमला, भ्रष्टाचार और चुनाव में रिश्वत देने जैसे अपराध शामिल हैं। गंभीर अपराधों की श्रेणी में उन मामलों को रखा जाता है, जिसमें पांच वर्ष और उससे अधिक की सजा होती है। जो गैर जमानती हैं।
महिलाओं पर अत्याचार
रिपोर्ट के मुताबिक हत्या और महिलाओं पर अत्याचार से जुड़े मामले भी 19 उम्मीदवारों पर दर्ज हैं। 19 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (IPC 302/303) से संबंधित मामले घोषित किए हैं। उसके अलावा 79 प्रत्याशियों ने हत्या के प्रयास का मामला अपने ऊपर बताया है। सबसे बड़ी बात ये है कि 52 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर महिलाओं पर किए गए अत्याचार से जुड़ा विवरण पेश किया है। इनमें से तीन उम्मीदवार बलात्कार के गंभीर आरोप भी झेल रहे हैं। इस चरण यानी की दूसरे चरण में 526 उम्मीदवार करोड़पति हैं। उन्होंने अपनी घोषित संपत्ति 344 करोड़ रुपये बताई है। 48 प्रतिशत उम्मीदवार स्नातक पास हैं, जबकि 9 उम्मीदवार असाक्षर हैं।
उम्मीदवारों के ऊपर मामले
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के उम्मीदवारों के बारे में ( एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स)एडीआर की ओर से एक रिपोर्ट पेश की गई है। इस ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि दूसरे चरण के चुनाव में उतरे उम्मीदवारों में से एक तिहाई उम्मीदवार पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे चरण में कुल 1302 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। 1297 प्रत्याशियों ने जो शपथ पत्र दाखिल किया है। उसके मुताबिक हलफनामे अस्पष्ट होने के कारण इसे रिपोर्ट में शामिल नहीं किया है। जिनके रिपोर्ट का विश्लेषण नहीं हो पाया है। उसमें जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार मंटू सिंह, धीरेंद्र अग्रवाल, इकरामूल हक और आरजेडी के अबू दोजाना और निर्दलीय उम्मीदवार रीतु जायसवाल का नाम शामिल है।
एडीआर की रिपोर्ट
एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि 1297 उम्मीदवारों में से 415 उम्मीदवार यानी 32 फिसदी के ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए गए हैं। उनमें से 341 पर यानी 26 फिसदी पर गंभीर आपराधिक मामले, जिसमें अपहरण, हत्या, हमला, भ्रष्टाचार और चुनाव में रिश्वत देने जैसे अपराध शामिल हैं। गंभीर अपराधों की श्रेणी में उन मामलों को रखा जाता है, जिसमें पांच वर्ष और उससे अधिक की सजा होती है। जो गैर जमानती हैं।
महिलाओं पर अत्याचार
रिपोर्ट के मुताबिक हत्या और महिलाओं पर अत्याचार से जुड़े मामले भी 19 उम्मीदवारों पर दर्ज हैं। 19 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (IPC 302/303) से संबंधित मामले घोषित किए हैं। उसके अलावा 79 प्रत्याशियों ने हत्या के प्रयास का मामला अपने ऊपर बताया है। सबसे बड़ी बात ये है कि 52 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर महिलाओं पर किए गए अत्याचार से जुड़ा विवरण पेश किया है। इनमें से तीन उम्मीदवार बलात्कार के गंभीर आरोप भी झेल रहे हैं। इस चरण यानी की दूसरे चरण में 526 उम्मीदवार करोड़पति हैं। उन्होंने अपनी घोषित संपत्ति 344 करोड़ रुपये बताई है। 48 प्रतिशत उम्मीदवार स्नातक पास हैं, जबकि 9 उम्मीदवार असाक्षर हैं।
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