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जम्मू में 38 मौतें, वैष्णो देवी लैंडस्लाइड मलबे से मिलीं 28 लाशें, दिल्ली, यूपी, पंजाब और राजस्थान से थे सभी

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जम्मू/श्रीनगर: जम्मू- कश्मीर में इस साल की दूसरी बड़ी प्राकृतिक आपदा आई। 14 अगस्त को किश्तवाड़ में बादल फटने से कई लोगों की जान चली गई। अब डोडा और वैष्णो देवी में हुई घटना ने सबको हिलाकर रख दिया। भारी बारिश से लैंडस्लाइड हुआ और कई लोग मलबे में दब गए। वैष्णो देवी में पहले 5 के मारे जाने की खबर आई। लेकिन जैसे-जैसे मलबा हटा, मरनेवालों का आंकड़ा भी बढ़ता गया। 38 लाशें निकाली गईं।



सर्च टीमों को वैष्णो देवी के रास्ते अर्द्धकुंवारी में 28 और शव मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि मरने वाले ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब के रहने वाले थे। इस भूस्खलन में 20 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। इसके अलावा डोडा में चार लोगों की मौत हुई है।



मुआवजे का ऐलानउपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मृतकों के परिवारों को 9 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने राज्य के मारे गए 11 लोगों के परिवारों को 4 लाख रुपये देने की घोषणा की है। इन 11 लोगों की मौत रियासी में भूस्खलन के कारण हुई।



उमर अब्दुल्ला ने उठाए सवालजम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाया है कि खराब मौसम का अलर्ट पहले से था। जिला अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को वैष्णो देवी के रास्ते पर जाने से क्यों नहीं रोका। उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी ट्रैक पर तीर्थयात्रियों की मौत के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ... उन्हें सुरक्षित स्थान पर क्यों नहीं ले जाया गया? इस पर बाद में चर्चा होनी चाहिए।



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105 साल में कभी नहीं हुई इतनी बारिशएलजी मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार लोगों को सुरक्षित निकाला गया और राहत पहुंचाई गई। मौसम विभाग ने बताया कि जम्मू में 24 घंटों के अंदर 380 मिमी बारिश हुई है। यह 1910 में मौसम वेधशाला की स्थापना के बाद से सबसे अधिक है। इससे पहले, 25 सितंबर, 1988 को 270 मिमी बारिश हुई थी।



बाढ़ की चेतावनीजम्मू- कश्मीर प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है। झेलम नदी संगम के पास खतरे के निशान 22 फीट से ऊपर बह रही है। श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है। किश्तवाड़-डोडा-सिंथन-अनंतनाग सड़क एनएच-244 और मुगल रोड भी बंद हैं।



एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू के निचले इलाकों से 5,000 से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया। सेना, NDRF और SDRF लगातार मेहनत कर रही है। जम्मू-कश्मीर में टेलीकॉम सेवाएं बाधित हो गई हैं।

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