पटना: बिहटा के तीन गांव के लोग बंदरों के आतंक से त्राहिमाम कर रहे हैं। आलम यह है कि लोग घर छोड़कर दूसरे जगह जा रहे हैं। प्रखंड के किशुनपुर, मोहरामपुर और बेदौली गांव में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। ग्रामीणों की मानें तो एक डेढ़ साल से बंदरों ने इन गांवों अपना बसेरा बना रखा है। लेकिन अब ये खतरनाक रूप ले चुके हैं। इनके आतंक से गांव के कई लोग घायल हुए हैं। बंदरों के डर से भागने के क्रम में कईयों के पैर भी टूट चुके हैं। बंदरों के बढ़ते आतंक की जानकारी ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और वन विभाग को भी दिया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
गांव छोड़ने को मजबूर
गांव में डर का माहौल बना हुआ है। गांव का पिंटू सिंह बंदरों के भय से परिवार सहित साथ गांव छोड़कर भाग रहा है। किशुनपुर का मंटू पांडे का कहना है कि दानापुर - बिहटा एलिवेटेड रोड का निर्माण हो रहा है। इसको लेकर रोड किनारे लगे सभी पेड़ काट दिए गए। इन पदों पर रहने वाले बंदर गांव में पहुंच गए। विगत छह महीने से बंदरों का आतंक काफी बढ़ चुका है। लोग अपने घर के छत पर भी नहीं जा रहे हैं। बंदर गांव के कई लोगों को घायल कर चुके हैं।
कई लोगों का पैर टूटा
गांव छोड़कर जा रहे पिंटू सिंह ने बताया कि वह परिवार सहित गांव छोड़कर लखनऊ जा रहे हैं। जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बगीचे में हम लोग बैठे हुए थे और मेरा भाई भी था तभी बंदर ने हमला किया और जान बचाने के लिए मेरा भाई भाग इसी दौरान उसका पैर टूट गया। बंदर के आतंक से महिला बच्चे सभी लोग परेशान हैं बंदर के आतंक के कारण घर से बाहर भी लोग नहीं निकल रहा है। पिछले एक साल से बंदर का आतंक इन तीनों गांव में बढ़ चुका है।
बंदरों का आतंक
बंदरों के आतंक से आतंकित गांव के लोग अब घर के अंदर बंद रहते हैं। ज्यादा जरूरी रहा तो ही घर से बाहर निकलते हैं। गौरतलब है कि बेदौली मौजा और सिकंदरपुर मौजा में सड़क चौड़ीकरण का काम हो रहा है। इसको लेकर दर्जनों पेड़ काटे गए। इन्हीं पेड़ों पर बंदर रहा करते थे।अब बंदर सड़क किनारे बसे इन तीनों गांव में आ चुके हैं और अपना आतंक दिखा रहे हैं। हालांकि बंदर के आतंक के कारण तीनों गांव के लोग जान बचाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाया है।
गांव छोड़ने को मजबूर
गांव में डर का माहौल बना हुआ है। गांव का पिंटू सिंह बंदरों के भय से परिवार सहित साथ गांव छोड़कर भाग रहा है। किशुनपुर का मंटू पांडे का कहना है कि दानापुर - बिहटा एलिवेटेड रोड का निर्माण हो रहा है। इसको लेकर रोड किनारे लगे सभी पेड़ काट दिए गए। इन पदों पर रहने वाले बंदर गांव में पहुंच गए। विगत छह महीने से बंदरों का आतंक काफी बढ़ चुका है। लोग अपने घर के छत पर भी नहीं जा रहे हैं। बंदर गांव के कई लोगों को घायल कर चुके हैं।
कई लोगों का पैर टूटा
गांव छोड़कर जा रहे पिंटू सिंह ने बताया कि वह परिवार सहित गांव छोड़कर लखनऊ जा रहे हैं। जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बगीचे में हम लोग बैठे हुए थे और मेरा भाई भी था तभी बंदर ने हमला किया और जान बचाने के लिए मेरा भाई भाग इसी दौरान उसका पैर टूट गया। बंदर के आतंक से महिला बच्चे सभी लोग परेशान हैं बंदर के आतंक के कारण घर से बाहर भी लोग नहीं निकल रहा है। पिछले एक साल से बंदर का आतंक इन तीनों गांव में बढ़ चुका है।
बिहटा के किशुनपुर गांव में बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान #BreakingNews pic.twitter.com/mwisprJCR8
— NBT Bihar (@NBTBihar) July 5, 2025
बंदरों का आतंक
बंदरों के आतंक से आतंकित गांव के लोग अब घर के अंदर बंद रहते हैं। ज्यादा जरूरी रहा तो ही घर से बाहर निकलते हैं। गौरतलब है कि बेदौली मौजा और सिकंदरपुर मौजा में सड़क चौड़ीकरण का काम हो रहा है। इसको लेकर दर्जनों पेड़ काटे गए। इन्हीं पेड़ों पर बंदर रहा करते थे।अब बंदर सड़क किनारे बसे इन तीनों गांव में आ चुके हैं और अपना आतंक दिखा रहे हैं। हालांकि बंदर के आतंक के कारण तीनों गांव के लोग जान बचाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाया है।
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