बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (77) ने अपने राजनीतिक संन्यास की खबरों पर विराम लगा दिया है। साथ ही, डीके शिवकुमार के सीएम बनने की उम्मीद को भी धुंधला कर दिया है। मंगलुरु में सिद्धारमैया ने कहा कि अगर कांग्रेस हाईकमान का फैसला रहा तो वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने संकेत दिए कि वह 2028 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने 2023 के विधानसभा चुनावों में कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा, लेकिन अब वह फिर से ताल ठोकने के मूड में है।
दोस्तों का हवाला देकर बोले सिद्धारमैया
एक इंटरव्यू ने सिद्धारमैया ने बताया कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनसे चुनाव नहीं लड़ने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा मेरे सभी दोस्त कह रहे हैं कि मुझे लड़ना चाहिए क्योंकि इससे पार्टी को मदद मिलेगी। मैंने इस पर फैसला नहीं किया है। कर्नाटक के सीएम ने बताया कि वह वह राष्ट्रीय राजनीति में जाने के इच्छुक नहीं हैं। सिद्धारमैया ने मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल पर बताया कि इसका फैसला दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व ही करेगा। हाईकमान जो कहेगा, वही अंतिम होगा। उन्होंने बताया कि आलाकमान ने तीन-चार महीने पहले फेरबदल के लिए कहा था। तब उन्होंने ढाई साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फेरबदल की सिफारिश की थी।
मंत्री ने पिता को बताया था उत्तराधिकारी
बता दें कि हाल ही में सिद्धारमैया के बेटे एमएलसी यतिंद्र सिद्धारमैया ने सार्वजनिक निर्माण मंत्री सतीश जारकिहोली को अपने पिता के उत्तराधिकारी बताकर सनसनी मचा दी थी। हालांकि राजनीतिक गलियों में कयासबाजी शुरू होते हुए यतिंद्र ने कहा कि उत्तराधिकारी से उनका मतलब पिता की 'अहिंदा' (अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और दलित) विचारधारा से था, न कि सीएम पद की विरासत से। बाद में उन्होंने दावा कि सिद्धारमैया अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
समर्थन जुटा रहे सिद्धारमैया
बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच मंत्रिमंडल में अपना समर्थन मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं। वह अपने समर्थकों को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह राजनीति में एक्टिव रहेंगे। उन्होंने हाल ही में मंत्रियों के लिए डिनर का आयोजन किया था। राज्योत्सव पुरस्कार चयन प्रक्रिया पर चर्चा के बहाने उन्होंने 28 अक्टूबर को मंत्रियों और विधायकों की एक अनौपचारिक बैठक बुलाई है।
दोस्तों का हवाला देकर बोले सिद्धारमैया
एक इंटरव्यू ने सिद्धारमैया ने बताया कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनसे चुनाव नहीं लड़ने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा मेरे सभी दोस्त कह रहे हैं कि मुझे लड़ना चाहिए क्योंकि इससे पार्टी को मदद मिलेगी। मैंने इस पर फैसला नहीं किया है। कर्नाटक के सीएम ने बताया कि वह वह राष्ट्रीय राजनीति में जाने के इच्छुक नहीं हैं। सिद्धारमैया ने मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल पर बताया कि इसका फैसला दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व ही करेगा। हाईकमान जो कहेगा, वही अंतिम होगा। उन्होंने बताया कि आलाकमान ने तीन-चार महीने पहले फेरबदल के लिए कहा था। तब उन्होंने ढाई साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फेरबदल की सिफारिश की थी।
मंत्री ने पिता को बताया था उत्तराधिकारी
बता दें कि हाल ही में सिद्धारमैया के बेटे एमएलसी यतिंद्र सिद्धारमैया ने सार्वजनिक निर्माण मंत्री सतीश जारकिहोली को अपने पिता के उत्तराधिकारी बताकर सनसनी मचा दी थी। हालांकि राजनीतिक गलियों में कयासबाजी शुरू होते हुए यतिंद्र ने कहा कि उत्तराधिकारी से उनका मतलब पिता की 'अहिंदा' (अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और दलित) विचारधारा से था, न कि सीएम पद की विरासत से। बाद में उन्होंने दावा कि सिद्धारमैया अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
समर्थन जुटा रहे सिद्धारमैया
बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच मंत्रिमंडल में अपना समर्थन मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं। वह अपने समर्थकों को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह राजनीति में एक्टिव रहेंगे। उन्होंने हाल ही में मंत्रियों के लिए डिनर का आयोजन किया था। राज्योत्सव पुरस्कार चयन प्रक्रिया पर चर्चा के बहाने उन्होंने 28 अक्टूबर को मंत्रियों और विधायकों की एक अनौपचारिक बैठक बुलाई है।
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