खंडवा: केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने 'जल संचय, जनभागीदारी' अभियान चलाया था। इस अभियान में खंडवा जिले ने शानदार काम किया है। खंडवा जिले ने पूरे देश में पहला स्थान पाया है। राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश चौथे नंबर पर है। यह सफलता जल संरक्षण के प्रयासों और लोगों की भागीदारी के कारण मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण अभियान और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जल गंगा संवर्धन अभियान ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1 अप्रैल 2024 से 31 मई 2025 के बीच किए गए कार्यों के आधार पर यह रैंकिंग दी गई है।
खंडवा को मिला देश में पहला स्थान
खंडवा जिले को देश में पहला स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुशी जताई है। उन्होंने खंडवा के लोगों, जनप्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है। उन्हें विश्वास है कि प्रदेश के सभी जिले इस अभियान में बेहतर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है।
जल संरचनाओं का निर्माण किया गया
जल गंगा संवर्धन अभियान के राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी अविप्रसाद ने बताया कि खंडवा जिले में मनरेगा, 15वां वित्त, 5वां वित्त, सीएसआर और जन सहयोग से 1 लाख 29 हजार 46 से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
इन संरचनाओं में कई चीजें शामिल हैं
इन कार्यों में जल संरचनाओं का पुनरुद्धार, हैंडपंप पुनर्भरण, सूखे बोरवेल का पुनर्भरण और कुएं के पुनर्भरण कार्य शामिल हैं।
भारत सरकार करेगी सत्यापन
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग के बाद भारत सरकार जिले में हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन करेगी। इसके बाद ही केंद्र सरकार द्वारा पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। इसका मतलब है कि सरकार यह देखेगी कि वास्तव में काम हुआ है या नहीं। उसके बाद ही पुरस्कार दिया जाएगा।
'जल संचय, जन भागीदारी अभियान' क्या है?
प्रधानमंत्री मोदी ने जल प्रबंधन को लेकर एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। इसके अंतर्गत सरकार और समाज मिलकर काम करते हैं। इसका उद्देश्य जल की जरूरतों को पूरा करना है।
इस अभियान की सफलता के बाद जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग ने 6 सितंबर 2024 को जल शक्ति अभियानः कैच द रेन के तहत जल संचय, जन भागीदारी पहल की शुरुआत की।
इसका उद्देश्य कम लागत, वैज्ञानिक और सामुदायिक तरीके से भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना है। साथ ही, लोगों को यह समझाना है कि कृत्रिम भू जल पुनर्भरण क्यों जरूरी है। इससे जल संकट जैसी चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है।
खंडवा को मिला देश में पहला स्थान
खंडवा जिले को देश में पहला स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुशी जताई है। उन्होंने खंडवा के लोगों, जनप्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है। उन्हें विश्वास है कि प्रदेश के सभी जिले इस अभियान में बेहतर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है।
जल संरचनाओं का निर्माण किया गया
जल गंगा संवर्धन अभियान के राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी अविप्रसाद ने बताया कि खंडवा जिले में मनरेगा, 15वां वित्त, 5वां वित्त, सीएसआर और जन सहयोग से 1 लाख 29 हजार 46 से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
इन संरचनाओं में कई चीजें शामिल हैं
- 12750 कूप रिचार्ज पिट (कुओं को रिचार्ज करने के लिए गड्ढे)
- 1500 रिचार्ज सॉफ्ट
- 23570 डगवेल (खुले कुएं)
- 5780 बोल्डर चेकडेम (पत्थरों से बने छोटे बांध)
- 1256 बोल्डर वॉल (पत्थरों की दीवारें)
- 3960 बोरीबंधान ( बोरियों से बने बांध)
- 7455 पत्थर/मिट्टी के फील्डबण्ड
- 5500 गलीप्लग (गेबीयन/लूज बोल्डर)
- 3269 नाला ट्रेंच (नालों में खोदे गए गड्ढे)
- 6528 हैंडपंप रिचार्ज
- 39000 रूफवाटर हार्वेस्टिंग (छत से बारिश का पानी इकट्ठा करना)
- 58 चेकडैम/स्टॉपडैम/तालाब
- 4800 पोखर तालाब (छोटे तालाब)
- 2275 ड्रेनवर्क (नालियों का निर्माण)
- 1500 खेत तालाब (खेतों में तालाब)
- 68 कंटूर ट्रेंच
- 750 सूखे बोर रिचार्ज (सूखे बोरवेल को रिचार्ज करना)
- 2462 जीर्णोद्धार कार्य (पुराने कार्यों की मरम्मत)
- 6560 अन्य जल संरक्षण कार्य
इन कार्यों में जल संरचनाओं का पुनरुद्धार, हैंडपंप पुनर्भरण, सूखे बोरवेल का पुनर्भरण और कुएं के पुनर्भरण कार्य शामिल हैं।
भारत सरकार करेगी सत्यापन
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग के बाद भारत सरकार जिले में हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन करेगी। इसके बाद ही केंद्र सरकार द्वारा पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। इसका मतलब है कि सरकार यह देखेगी कि वास्तव में काम हुआ है या नहीं। उसके बाद ही पुरस्कार दिया जाएगा।
'जल संचय, जन भागीदारी अभियान' क्या है?
प्रधानमंत्री मोदी ने जल प्रबंधन को लेकर एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। इसके अंतर्गत सरकार और समाज मिलकर काम करते हैं। इसका उद्देश्य जल की जरूरतों को पूरा करना है।
इस अभियान की सफलता के बाद जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग ने 6 सितंबर 2024 को जल शक्ति अभियानः कैच द रेन के तहत जल संचय, जन भागीदारी पहल की शुरुआत की।
इसका उद्देश्य कम लागत, वैज्ञानिक और सामुदायिक तरीके से भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना है। साथ ही, लोगों को यह समझाना है कि कृत्रिम भू जल पुनर्भरण क्यों जरूरी है। इससे जल संकट जैसी चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है।
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