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मुंबई आतंकी हमला, सोनिया का फूट-फूटकर रोना.. अमित शाह के आरोपों पर प्रियंका ने दिया जवाब

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नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने यूपीए सरकार और सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने अमित शाह के आरोपों पर पलटवार किया। साथ ही पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार को भी घेरा। जानते हैं प्रियंका गांधी वाड्रा के भाषण की 10 बड़ी बातें...



कैसे और क्यों हुआ पहलगाम हमला?

प्रियंका ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि, पहलगाम आतंकी हमला कैसे और क्यों हुआ? सरकार कह रही थी कश्मीर में सब अमन चैन है। वह लगातार प्रचार कर रही थी कश्मीर में सब कुछ शांत हैं। आप आइए और यहां पर्यटन को बढ़ाइए। वहां पर इस सरकार ने पर्यटकों को मरने के लिए छोड़ दिया।



देश के नागरिकों की जिम्मेदारी किसकी: प्रियंका

कांग्रेस नेता ने सरकार से सवाल किया कि, क्या सरकार को मालूम नहीं था यहां रोज 100-1500- पर्यटक जाते हैं, अगर यहां कुछ हो जाएगा तो लोग यहां से निकल नहीं पाएंगे, न सुरक्षा का न फर्स्ट ऐड का इंतजाम था, लोग वहां पर ये सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान के भरोसे छोड़ दिया। देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है, क्या इस देश के पीएम की नहीं, क्या इस देश के गृह मंत्री की नहीं है क्या रक्षा मंत्री की नहीं है।



टीआरएफ को कब मिला आतंकवादी का दर्ज

अमित शाह के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रियंका ने कहा, गृह मंत्री ने जब यूपीए समय के आतंकवादी हमले तो लगभग 27 गिनाए थे, टीआरएफ ने 2020-25 के अंदर कश्मीर में अकेले 25 हमले किए हैं। पूरी लिस्ट है इन हमलों की। लेकिन मैं इतना कहूंगी कि इनमें रियासी का हमला था 2024 का जिसमें 9 लोग मारे गए थे। 2020 से लेकर 22 अप्रैल 2025 तक टीआरआएफ ने कुल 41 सेना और सुरक्षाकर्मियों की हत्या की, 27 नागरिकों को मारा, 54 लोगों को घायल किया। भारत सरकार ने टीआरएफ को आतंकवादी को कब दर्जा दिया 2023 में दिया। तीन साल बाद। कश्मीर में तीन सालों के लिए आतंकवादी गतिविधियां कर रहे हैं। ये सब सरकार के संज्ञान में था।



अमित शाह के मुंबई हमले वाले बयान पर पलटवार

सदन में कांग्रेस नेता ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं ने 2008 के मुंबई के हमलों का जिक्र किया और कि मनमोहन सिंह की सरकार ने कुछ नहीं किया। लेकिन असलियत ये है कि उसी समय जब वो आतंकवादी हमला चल रहा था तभी उन आतंकवादियो को मार डाला गया था, एक बचा था उसे भी 2012 में फांसी दे दी थी। महाराष्ट्र के सीएम ने इस्तीफा दिया, देश के गृह मंत्री ने जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दिया, एक-एक जवाबदेही थी पब्लिक के प्रति, इस जवाबदेही थी इस देश की जनता के प्रति, इस देश की धरती के प्रति।



मणिपुर मुद्दे पर सवाल

प्रियंका ने कहा, राजनाथ तो पुलवामा, उड़ी और पठानकोट के समय गृह मंत्री रहे थे आज वो रक्षा मंत्री हैं। हमारे गृह मंत्री महोदय अमित शाह के नाक के नीचे पूरा मणिपुर जल गया, दिल्ली में दंगा हो गया और आज भी वो उसी पद पर बैठै हैं क्यों?



प्रियंका का आरोप, युद्ध रुकने के मु्द्दे पर नहीं दिया गया जवाब

अमित शाह के भाषण का जिक्र करते हुए प्रियंका ने कहा, पाकिस्तान को आपने शरण दिया ही क्यों, जैसे ही ये बात उठी शरण की बात की हमारे गृह मंत्री जी इतिहास में चले गए। नेहरू ने क्या किया इंदिरा ने क्या किया मेरी मां के आंसू भी गिना दिया, लेकिन ये जवाब नहीं दिया कि ये जंग रुका क्यों, इसका जवाब नहीं दिया।



सोनिया गांधी पर दिया जवाब

प्रियंका ने कहा, अमित शाह ने मेरी मां की आंसू की बात की है। मैं इसका जवाब देना चाहती हूं मेरी मां के आंसू तब गिरे जब उनके पति का आतंकवादियों को शहीद किया। जब वो मात्र 44 साल की थी। जब मैं इस सदन में खड़ी हूं और उन 26 लोगों की बात कर रही हूं तो मैं इसलिए कर रही हूं क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूं।



भारत के कितने फाइटर जेट गिरे?

हमारे कितने जहाज गिरे सवालों से बचने के लिए ये सरकार काफी कोशिश करती है। इनकी राजनीतिक कायरता बेमिसाल है। इनके दिल में जनता के लिए कोई जगह नहीं है। हमारे रक्षा मंत्री ने कहे कि हमारे इंफ्रा को कोई नुकसान नहीं हुआ तो ये बता दें कि आखिर हमारे कितने जहाज गिरे।



कश्मीर में लोगों की सुरक्षा नहीं

जितने भी लोग बैरसन वैली में थे और जो 25 भारतीय मारे गए उनके लिए कोई सुरक्षा नहीं थी, कोई सुरक्षा नहीं थी, आप कितने भी ऑपरेशन कर डालें इस सच्चाई के पीछे छिप नहीं सकते, नकार नहीं सकते। आपने उनको सुरक्षित नहीं किया। कोई शर्म नहीं है। और न कभी होगी, सुन लीजिए सुबह भी मैं शिव मंत्र बोलकर आई हूं।

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