भोपाल: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भारत से इस बात की पुष्टि का इंतजार कर रहा है कि क्या बच्चों की मौत से जुड़ा कफ सिरप अन्य देशों में भी निर्यात किया गया था। यह सिरप, जिसका नाम Coldrif है और इसे श्रेसन फार्मा कंपनी ने बनाया है, केवल भारत में ही बेचा गया था। हालांकि, गुजरात के अधिकारियों ने बताया कि दो अन्य सिरप भारत के दूसरे राज्यों में बेचे गए थे, लेकिन उनके निर्यात के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
एक्सपोर्ट पर अभी कोई जवाब नहीं
कंपनियों और दवा अधिकारियों ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया कि क्या ये सिरप भी निर्यात किए गए थे। WHO ने कहा है कि वह भारतीय अधिकारियों से आधिकारिक पुष्टि मिलने के बाद Coldrif सिरप पर ग्लोबल मेडिकल प्रोडक्ट्स अलर्ट जारी करने की जरूरत का आंकलन करेगा।
बच्चों को इस्तेमाल न करने की सलाह
WHO बच्चों के लिए कफ और कोल्ड की दवाओं का इस्तेमाल न करने की सलाह दे रहा है। इससे पहले, भारत के दवा नियंत्रक जनरल, राजीव रघुवंशी ने कहा था कि जांच में दवा बनाने वाली फैक्ट्रियों में गंभीर खामियां पाई गई हैं। उन्होंने बताया कि ये फैक्ट्रियां दवा के हर बैच की जांच नहीं कर रही थीं, जैसा कि नियमों के अनुसार जरूरी है।
140 बच्चों की हुई थी मौत
भारत में, 2023 से कफ सिरप के निर्यात के लिए सरकारी प्रयोगशालाओं में अतिरिक्त जांच की आवश्यकता होती है। यह कदम गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में भारतीय सिरप से जुड़ी 140 से अधिक बच्चों की मौतों के बाद उठाया गया था। 2022 से गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में बच्चों की मौत का कारण बनने वाले भारतीय कफ सिरप में एथिलीन या डायथाइलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले तत्व पाए गए थे।
2019 में भी हुई थी मौत
भारत में 2019 में भी 12 बच्चों की मौत इसी वजह से हुई थी। भारत का दवा उद्योग, जिसका आकार अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा है, 50 अरब डॉलर का है। इसके आधे से ज्यादा मूल्य का हिस्सा निर्यात से आता है।
एक्सपोर्ट पर अभी कोई जवाब नहीं
कंपनियों और दवा अधिकारियों ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया कि क्या ये सिरप भी निर्यात किए गए थे। WHO ने कहा है कि वह भारतीय अधिकारियों से आधिकारिक पुष्टि मिलने के बाद Coldrif सिरप पर ग्लोबल मेडिकल प्रोडक्ट्स अलर्ट जारी करने की जरूरत का आंकलन करेगा।
बच्चों को इस्तेमाल न करने की सलाह
WHO बच्चों के लिए कफ और कोल्ड की दवाओं का इस्तेमाल न करने की सलाह दे रहा है। इससे पहले, भारत के दवा नियंत्रक जनरल, राजीव रघुवंशी ने कहा था कि जांच में दवा बनाने वाली फैक्ट्रियों में गंभीर खामियां पाई गई हैं। उन्होंने बताया कि ये फैक्ट्रियां दवा के हर बैच की जांच नहीं कर रही थीं, जैसा कि नियमों के अनुसार जरूरी है।
140 बच्चों की हुई थी मौत
भारत में, 2023 से कफ सिरप के निर्यात के लिए सरकारी प्रयोगशालाओं में अतिरिक्त जांच की आवश्यकता होती है। यह कदम गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में भारतीय सिरप से जुड़ी 140 से अधिक बच्चों की मौतों के बाद उठाया गया था। 2022 से गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में बच्चों की मौत का कारण बनने वाले भारतीय कफ सिरप में एथिलीन या डायथाइलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले तत्व पाए गए थे।
2019 में भी हुई थी मौत
भारत में 2019 में भी 12 बच्चों की मौत इसी वजह से हुई थी। भारत का दवा उद्योग, जिसका आकार अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा है, 50 अरब डॉलर का है। इसके आधे से ज्यादा मूल्य का हिस्सा निर्यात से आता है।
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