नई दिल्ली: विमान हादसों की जांच करने वाले अधिकारियों और विमानन पेशेवरों को वैश्विक मानकों पर प्रशिक्षण देने के लिए देश में एक राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र स्थापित किया जाएगा। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
नागर विमानन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने कहा कि विमानन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार नियामकीय और जांच संबंधी भूमिकाओं में पेशेवरों की संख्या दोगुनी कर रही है।
भारत स्थापित कर रहा पहला राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र
उन्होंने कहा, “भारत क्षेत्र में अपनी तरह का पहला राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र स्थापित कर रहा है, जो विमान दुर्घटना के जांचकर्ताओं और विमानन पेशेवरों को प्रशिक्षित करेगा। यह हमारी दीर्घकालिक दृष्टि को दर्शाता है कि हम विश्वस्तरीय सुरक्षा ढांचा और मानव संसाधन तैयार करें।”
सिन्हा ने एशिया-प्रशांत दुर्घटना जांच समूह की 13वीं बैठक के उद्घाटन सत्र में यह बात कही। यह बैठक पहली बार भारत में आयोजित हो रही है। उद्घाटन कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए 260 लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। इस हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है।
एएआईबी के महानिदेशक जी वी जी युगांधर ने कहा कि विभिन्न देशों में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की सिफारिशों का कार्यान्वयन अब भी एक ‘अस्पष्ट क्षेत्र’ बना हुआ है।
ICO के तहत किया जाता है दुर्घटनाओं का अध्ययन
उन्होंने कहा, “सभी दुर्घटनाओं का अध्ययन अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) के तहत किया जाता है, लेकिन इसकी सिफारिशों का पालन प्रत्येक देश के अपने विवेक पर निर्भर होता है।”
युगांधर ने बताया कि दुनियाभर में विमान हादसे की जांच करने वाली एजेंसियों के सामने प्रशिक्षित जांचकर्ताओं की कमी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि भारत अपने विमानन अनुसंधान और सामग्री परीक्षण प्रयोगशालाओं के जरिये सदस्य देशों को तकनीकी सहायता देने के लिए भी तैयार है।
नागर विमानन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने कहा कि विमानन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार नियामकीय और जांच संबंधी भूमिकाओं में पेशेवरों की संख्या दोगुनी कर रही है।
भारत स्थापित कर रहा पहला राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र
उन्होंने कहा, “भारत क्षेत्र में अपनी तरह का पहला राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र स्थापित कर रहा है, जो विमान दुर्घटना के जांचकर्ताओं और विमानन पेशेवरों को प्रशिक्षित करेगा। यह हमारी दीर्घकालिक दृष्टि को दर्शाता है कि हम विश्वस्तरीय सुरक्षा ढांचा और मानव संसाधन तैयार करें।”
सिन्हा ने एशिया-प्रशांत दुर्घटना जांच समूह की 13वीं बैठक के उद्घाटन सत्र में यह बात कही। यह बैठक पहली बार भारत में आयोजित हो रही है। उद्घाटन कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए 260 लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। इस हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है।
एएआईबी के महानिदेशक जी वी जी युगांधर ने कहा कि विभिन्न देशों में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की सिफारिशों का कार्यान्वयन अब भी एक ‘अस्पष्ट क्षेत्र’ बना हुआ है।
ICO के तहत किया जाता है दुर्घटनाओं का अध्ययन
उन्होंने कहा, “सभी दुर्घटनाओं का अध्ययन अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) के तहत किया जाता है, लेकिन इसकी सिफारिशों का पालन प्रत्येक देश के अपने विवेक पर निर्भर होता है।”
युगांधर ने बताया कि दुनियाभर में विमान हादसे की जांच करने वाली एजेंसियों के सामने प्रशिक्षित जांचकर्ताओं की कमी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि भारत अपने विमानन अनुसंधान और सामग्री परीक्षण प्रयोगशालाओं के जरिये सदस्य देशों को तकनीकी सहायता देने के लिए भी तैयार है।
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